भारत और अमेरिका के बीच US-India Trade Deal को लेकर बातचीत में नई तेजी दिख रही है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगातार संवाद में हैं। दोनों नेताओं के बीच रिश्ते “मजबूत और सम्मानजनक” बताए गए हैं।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप, भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर “बहुत पॉजिटिव” हैं। उन्होंने बताया कि ट्रंप की मोदी से नियमित बातचीत होती रहती है। हाल ही में ओवल ऑफिस में दिवाली समारोह के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापारिक मामलों पर चर्चा की। इस मौके पर कई वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी अधिकारी भी मौजूद थे।
ट्रेड डील पर नई उम्मीदें
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए पांच राउंड की बातचीत पूरी हो चुकी है। भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में यह वार्ताएं चल रही हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने साफ किया कि भारत “जल्दबाजी या दबाव में” कोई डील नहीं करेगा। लक्ष्य है — किसानों और घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा।
मुख्य विवाद और चुनौतियां
हालांकि बातचीत आगे बढ़ रही है, फिर भी कुछ मुद्दे अड़चन बने हुए हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगा रखा है।
रूसी कच्चे तेल की खरीद पर भारत को 25% अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है।
अमेरिका भारत के डेयरी और कृषि बाजारों में अपनी कंपनियों की एंट्री चाहता है।
भारत का मानना है कि किसी भी डील को “आपसी हितों” के आधार पर ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
टैरिफ में राहत की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका भारत के लिए टैरिफ घटाने पर विचार कर रहा है। फिलहाल जो दर 50% है, उसे घटाकर 15-16% तक लाने की संभावना है।
वहीं, अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने सीनेट फॉरेन रिलेशन्स कमेटी की सदस्य जीन शाहीन से मुलाकात की। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा और पारस्परिक व्यापारिक लाभ पर चर्चा की। इससे संकेत मिलता है कि बातचीत अपने निर्णायक चरण में पहुंच चुकी है।
संभावित प्रभाव
अगर यह डील सफल रहती है, तो भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा। खासकर फार्मा, आईटी, और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को इसका सीधा फायदा होगा।
साथ ही, विदेशी निवेश बढ़ सकता है और रुपए की स्थिरता को भी मजबूती मिल सकती है।
ChalakInvestor की सलाह
भारत और अमेरिका की यह ट्रेड डील भारतीय बाजारों के लिए “गेम चेंजर” साबित हो सकती है। निवेशकों को अभी से ऐसे सेक्टर पर ध्यान देना चाहिए जो एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड हैं।
फार्मा, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां इस सौदे से फायदा उठा सकती हैं।
इसके अलावा, रुपया और विदेशी निवेश से जुड़े सेक्टरों में मिड-टर्म इन्वेस्टमेंट फायदेमंद रह सकता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या भारत-अमेरिका ट्रेड डील तय हो गई है?
अभी नहीं, लेकिन बातचीत अपने अंतिम चरण में है। समझौते का पहला चरण जल्द तय हो सकता है।
Q2. ट्रंप और मोदी की बातचीत कितनी बार होती है?
व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच नियमित बातचीत होती रहती है।
Q3. इस ट्रेड डील से भारत को क्या फायदा होगा?
इससे भारतीय निर्यातकों और घरेलू उद्योगों को विदेशी बाजारों में बढ़त मिलेगी।
Q4. कौन-से सेक्टर सबसे अधिक लाभ में रहेंगे?
फार्मा, आईटी, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।
Q5. क्या अमेरिकी टैरिफ में कमी की उम्मीद है?
हाँ, चर्चा चल रही है कि वर्तमान 50% शुल्क को घटाकर 15-16% तक किया जाए।
निष्कर्ष
व्हाइट हाउस का यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों की नई दिशा को दर्शाता है। ट्रंप और मोदी के बीच बढ़ती बातचीत संकेत देती है कि US-India Trade Deal अब नतीजे के करीब है। आने वाले महीनों में इसका पहला चरण लागू हो सकता है।



















