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Return on Equity का उदाहरण हिंदी में

Return on Equity क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

यर मार्केट में निवेश करने से पहले किसी कंपनी की लाभ कमाने की क्षमता (Profitability) जानना बहुत जरूरी है। निवेशक यह समझना चाहते हैं कि कंपनी उनके पैसे का कितना सही इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में सबसे अहम वित्तीय अनुपातों (Financial Ratios) में से एक है Return on Equity
इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि Return on Equity क्या है, इसे कैसे निकाला जाता है, इसका महत्व, फायदे, सीमाएँ और निवेशकों के लिए इसका उपयोग क्या है।


Return on Equity क्या है?

रीटर्न ऑन इक्विटी एक ऐसा वित्तीय अनुपात है जो बताता है कि कंपनी ने अपने शेयरधारकों (Shareholders) द्वारा निवेश की गई पूंजी पर कितना मुनाफा कमाया।
इसे हिंदी में “इक्विटी पर प्रतिफल” कहा जाता है।
सरल शब्दों में, Return on Equity यह दिखाता है कि कंपनी शेयरहोल्डर्स के पैसे से कितना रिटर्न कमा रही है।


Return on Equity कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

Return on Equity निकालने के लिए कंपनी के शुद्ध लाभ (Net Profit) को कुल शेयरहोल्डर्स की इक्विटी (Shareholders’ Equity) से विभाजित किया जाता है।
फिर इस परिणाम को प्रतिशत (%) में दर्शाया जाता है।

  • Net Profit: कंपनी का कर (Tax) और ब्याज (Interest) घटाने के बाद बचा हुआ मुनाफा।

  • Shareholders’ Equity: कंपनी की कुल संपत्ति (Total Assets) – देनदारियाँ (Liabilities)।

उदाहरण के तौर पर:
अगर किसी कंपनी का Net Profit ₹50 लाख है और Shareholders’ Equity ₹2 करोड़ है, तो Return on Equity = 25% होगा।
इसका मतलब है कि कंपनी ने अपने शेयरधारकों की पूंजी पर 25% का रिटर्न कमाया।


Return on Equity का आदर्श स्तर

  • सामान्यत: 15% से 20% का Return on Equity अच्छा माना जाता है।

  • बहुत कम Return on Equity यह दर्शाता है कि कंपनी निवेश की गई पूंजी से अच्छा मुनाफा नहीं कमा पा रही।

  • बहुत ज्यादा Return on Equity हमेशा अच्छा नहीं होता, क्योंकि यह High Debt (उच्च कर्ज) का संकेत भी हो सकता है।


Return on Equity का महत्व

  • कंपनी की Profitability समझने का सबसे आसान पैमाना है।

  • यह बताता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों के पैसे का कितना कुशलता से उपयोग कर रही है।

  • अलग-अलग कंपनियों की तुलना करने में मदद करता है।

  • निवेशक यह तय कर सकते हैं कि उनकी पूंजी सही जगह पर लगाई गई है या नहीं।


फायदे Return on Equity के

  • निवेशकों को कंपनी की असली कमाई का अंदाजा मिलता है।

  • एक ही सेक्टर की कंपनियों की तुलना करना आसान हो जाता है।

  • लंबे समय तक लगातार अच्छा Return on Equity कंपनी की मजबूत स्थिति का संकेत देता है।

  • मैनेजमेंट की Efficiency समझने का साधन।


Return on Equity की सीमाएँ

  • बहुत ज्यादा Return on Equity कभी-कभी High Debt की वजह से होता है, न कि कंपनी की असली Profitability से।

  • सिर्फ Return on Equity देखकर कंपनी की पूरी स्थिति नहीं समझी जा सकती।

  • अलग-अलग उद्योगों (Industries) के लिए आदर्श Return on Equity अलग-अलग होता है।

  • Net Profit में बदलाव से Return on Equity जल्दी बदल सकता है।


भारत में Return on Equity

भारत में निवेशक और विश्लेषक कंपनियों के Return on Equity पर खास ध्यान देते हैं।
SEBI और स्टॉक एक्सचेंज के नियमों के तहत कंपनियों को अपनी Annual Reports और Quarterly Results में Return on Equity की जानकारी देनी होती है।
यह पारदर्शिता (Transparency) बढ़ाता है और निवेशकों का भरोसा मजबूत करता है।


Return on Equity और अन्य Ratios से तुलना

  1. Return on Equity vs Return on Assets:

    • Return on Equity शेयरधारकों की Equity पर रिटर्न बताता है।

    • Return on Assets कंपनी की पूरी संपत्ति (Assets) पर रिटर्न बताता है।

  2. Return on Equity vs Return on Investment:

    • Return on Investment किसी भी निवेश पर रिटर्न मापता है।

    • Return on Equity खासतौर पर शेयरधारकों की Equity पर रिटर्न मापता है।


Chalakinvestor की सलाह

  • अगर किसी कंपनी का Return on Equity लगातार अच्छा (15% से ऊपर) है, तो यह निवेश के लिए अच्छा संकेत है।

  • बहुत ज्यादा Return on Equity देखकर खुश न हों, पहले कंपनी का Debt Level जरूर देखें।

  • निवेश का सही निर्णय लेने के लिए Return on Equity को EPS, Debt-Equity Ratio और P/E Ratio के साथ भी मिलाकर देखें।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. Return on Equity का मतलब क्या है?
Return on Equity यानी इक्विटी पर प्रतिफल, जो बताता है कि कंपनी ने शेयरहोल्डर्स की पूंजी पर कितना रिटर्न कमाया।

Q2. Return on Equity का आदर्श स्तर क्या है?
सामान्यत: 15% से 20% अच्छा माना जाता है।

Q3. Return on Equity ज्यादा होना अच्छा है या बुरा?
ज्यादा होना अच्छा हो सकता है, लेकिन यह High Debt का संकेत भी दे सकता है।

Q4. Return on Equity और Return on Assets में क्या फर्क है?
Return on Equity इक्विटी पर रिटर्न बताता है, जबकि Return on Assets पूरी संपत्ति पर।

Q5. क्या केवल Return on Equity देखकर निवेश करना सही है?
नहीं, निवेश निर्णय लेते समय इसे अन्य Financial Ratios के साथ भी देखना चाहिए।


निष्कर्ष

अब आप समझ गए होंगे कि Return on Equity क्या है और यह निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है।
Return on Equity कंपनी की Profitability और Efficiency को समझने का एक अहम पैमाना है।
निवेश का फैसला केवल Return on Equity पर न करें, इसे अन्य Ratios और कंपनी की स्थिति के साथ देखकर ही निर्णय लें।

ये भी पढ़ें:
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