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Quick Ratio क्या होता है? पूरी जानकारी हिंदी में

निवेश करने से पहले यह समझना जरूरी है कि कंपनी अपने अल्पकालिक कर्ज (Short Term Liabilities) कितनी जल्दी चुका सकती है। इसके लिए सबसे भरोसेमंद पैमानों में से एक है Quick Ratio
इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि Quick Ratio क्या होता है, इसे क्यों Acid-Test Ratio कहा जाता है, इसका महत्व, फायदे, सीमाएँ और निवेशकों के लिए इसकी उपयोगिता क्या है।


Quick Ratio क्या होता है?

Quick Ratio एक Liquidity Ratio है जो बताता है कि कंपनी अपने छोटे कर्ज जल्दी चुकाने में कितनी सक्षम है।
इसे Acid-Test Ratio भी कहा जाता है, क्योंकि यह कंपनी की Liquidity को सख्त तरीके से परखता है।
इसमें सिर्फ वे Assets गिने जाते हैं जिन्हें तुरंत Cash में बदला जा सकता है, जैसे:

  • Cash और Bank Balance

  • ग्राहकों से मिलने वाली राशि (Accounts Receivable)

  • Short-term Investments

ध्यान दें: Inventory और Prepaid Expenses को इसमें शामिल नहीं किया जाता क्योंकि इन्हें तुरंत Cash में बदलना आसान नहीं होता।


Quick Ratio कैसे समझें?

क़ुइक रेश्यो यह बताता है कि कंपनी के पास जितनी Current Liabilities (छोटे कर्ज) हैं, उन्हें चुकाने के लिए कितनी जल्दी उपलब्ध नकदी या नकदी जैसी संपत्तियाँ हैं।

  • अगर Quick Ratio 1:1 है तो इसका मतलब है कि कंपनी के पास हर 1 रुपये की देनदारी चुकाने के लिए 1 रुपये का Quick Asset है।

  • अगर यह 1 से कम है, तो कंपनी की Liquidity कमजोर हो सकती है।

  • अगर यह बहुत ज्यादा (जैसे 3 या 4) है, तो इसका मतलब है कि कंपनी अपने Assets का सही इस्तेमाल नहीं कर रही।


Quick Ratio का उदाहरण

मान लीजिए किसी कंपनी के पास:

  • Current Assets = ₹10 लाख

  • इसमें से Inventory और Prepaid Expenses = ₹5 लाख

  • Current Liabilities = ₹5 लाख

तो Quick Ratio = (10 – 5) ÷ 5 = 1
इसका मतलब है कि कंपनी के पास हर 1 रुपये की देनदारी चुकाने के लिए 1 रुपये का Quick Asset मौजूद है।


Quick Ratio का महत्व

  • यह Current Ratio से ज्यादा सटीक माना जाता है क्योंकि इसमें Inventory और Prepaid Expenses शामिल नहीं होते।

  • कंपनी की असली Liquidity Position बताता है।

  • निवेशकों और बैंकों को भरोसा दिलाता है कि कंपनी अपने छोटे कर्ज समय पर चुका सकती है।

  • कंपनियों की तुलना करने का सही पैमाना।


फायदे Quick Ratio के

  • कंपनी की वास्तविक Liquidity का पता चलता है।

  • Current Ratio की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद।

  • अल्पकालिक कर्ज चुकाने की क्षमता साफ नजर आती है।

  • निवेशकों और क्रेडिटर्स के लिए उपयोगी टूल।


Quick Ratio की सीमाएँ

  • Accounts Receivable को हमेशा तुरंत Cash में बदलना संभव नहीं होता।

  • अलग-अलग उद्योगों (Industries) के लिए आदर्श Quick Ratio अलग हो सकता है।

  • यह कंपनी की Profitability या Growth Potential नहीं बताता।

  • सिर्फ Quick Ratio पर भरोसा करके निवेश करना सही नहीं है।


Current Ratio और Quick Ratio में अंतर

  • Current Ratio: इसमें सभी Current Assets (Cash, Inventory, Receivables, Prepaid Expenses) शामिल होते हैं।

  • Quick Ratio: इसमें Inventory और Prepaid Expenses शामिल नहीं होते।
    इसलिए Quick Ratio को ज्यादा कड़ा और सटीक माना जाता है।


भारत में Quick Ratio

भारत में बैंक्स और NBFCs लोन देने से पहले Quick Ratio को Current Ratio के साथ मिलाकर देखते हैं।
लिस्टेड कंपनियाँ अपने Financial Statements में Quick Ratio की जानकारी देती हैं ताकि निवेशक कंपनी की Liquidity को समझ सकें।


Chalakinvestor की सलाह

  • अगर Quick Ratio 1 से कम है तो यह कंपनी की कमजोर Liquidity का संकेत है।

  • अगर यह बहुत ज्यादा है तो कंपनी अपने संसाधनों का सही उपयोग नहीं कर रही।

  • निवेश करने से पहले Current Ratio और Quick Ratio दोनों को साथ में देखें।

  • निर्णय लेते समय EPS, Debt Ratio और कंपनी की Growth Potential को भी ध्यान में रखें।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. Quick Ratio क्या होता है?
यह एक Liquidity Ratio है जो बताता है कि कंपनी अपने छोटे कर्ज तुरंत चुका सकती है या नहीं।

Q2. Quick Ratio को Acid-Test Ratio क्यों कहते हैं?
क्योंकि इसमें Inventory और Prepaid Expenses शामिल नहीं होते और यह Liquidity को सख्ती से परखता है।

Q3. Quick Ratio का आदर्श स्तर क्या है?
सामान्यत: 1:1 को अच्छा माना जाता है।

Q4. Quick Ratio और Current Ratio में क्या फर्क है?
Current Ratio में Inventory और Prepaid Expenses शामिल होते हैं, जबकि Quick Ratio में नहीं।

Q5. Quick Ratio ज्यादा होना अच्छा है या कम?
1 या उससे ऊपर होना अच्छा है, लेकिन बहुत ज्यादा होना भी सही संकेत नहीं है।


निष्कर्ष

अब आप समझ गए होंगे कि Quick Ratio क्या होता है और यह कंपनी की असली Liquidity क्यों दिखाता है।
यह निवेशकों और बैंकों को बताता है कि कंपनी अपने छोटे कर्ज बिना Inventory पर निर्भर हुए चुका सकती है।
हालाँकि, निवेश का निर्णय केवल Quick Ratio देखकर नहीं करना चाहिए, बल्कि अन्य Financial Ratios और कंपनी की Overall स्थिति को भी ध्यान में रखना जरूरी है।

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