कंपाउंडिंग क्या है?
जब आप अपना पैसा कहीं लगाते हैं (जैसे FD, SIP, म्यूचुअल फंड), तो उस पर ब्याज या मुनाफा मिलता है।
अगर आप उस मुनाफे को भी वापस निवेश कर दें, तो अगली बार आपको सिर्फ अपने पैसे पर नहीं, मुनाफे पर भी मुनाफा मिलता है।
इसी को कहते हैं – कंपाउंडिंग।
यानि आपका पैसा खुद पैसा बनाता है, और फिर वो नया पैसा भी आगे पैसा बनाता है। बस यहीं से शुरू होती है असली अमीरी की कहानी।
🔹 एक छोटा सा उदाहरण:
मान लीजिए आपने ₹10,000 की बचत को 10% रिटर्न वाले प्लान में लगा दिया:
साल | पैसा कितना हुआ |
---|---|
1 | ₹11,000 |
2 | ₹12,100 |
5 | ₹16,105 |
10 | ₹25,937 |
20 | ₹67,275 |
30 | ₹1,74,494 |
आपने सिर्फ ₹10,000 लगाए थे, लेकिन समय और कंपाउंडिंग की ताकत से वही पैसा ₹1.74 लाख बन गया।
कंपाउंडिंग के 3 आसान नियम
1. जितनी जल्दी शुरू करोगे, उतना फायदा मिलेगा
कंपाउंडिंग को समय चाहिए। अगर आप 20 साल की उम्र में शुरू करेंगे, तो कम पैसों से भी बड़ा फंड बना सकते हैं।
2. हर महीने थोड़ा-थोड़ा लगाओ (SIP सबसे अच्छा तरीका)
₹500 या ₹1000 से भी SIP शुरू करो। धीरे-धीरे यही आदत बड़ा पैसा बनाएगी।
3. पैसे को समय दो, जल्दी न निकालो
हर 2–3 साल में पैसा निकालोगे तो कंपाउंडिंग रुक जाएगी। इसे लंबे समय तक चलने दो – 10, 20, 30 साल।
क्यों कहा गया है – कंपाउंडिंग दुनिया का आठवां अजूबा है?
“जो कंपाउंडिंग को समझता है, वो कमाता है।
जो नहीं समझता, वो ब्याज चुकाता रहता है।”
– अल्बर्ट आइंस्टीन
इसका मतलब है – अगर आप कंपाउंडिंग को सही से समझते हैं, तो आप अपना पैसा खुद के लिए काम पर लगा सकते हैं।
कंपाउंडिंग से कैसे बने चालाक निवेशक?
✅ छोटी उम्र में शुरू करें
✅ हर महीने थोड़ा निवेश करें
✅ मुनाफा निकालें नहीं, फिर से लगाएं
✅ लंबा नजरिया रखें (कम से कम 10–20 साल)
✅ रोज़-रोज़ अपना बैलेंस चेक करने की आदत छोड़ें 😄
निष्कर्ष (अंत में क्या सीखें)
कंपाउंडिंग = समय + धैर्य + नियमित निवेश
यह पैसा बढ़ाने का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका है।
आज ₹500 बचाकर निवेश करने से आप कल लाखों का फंड बना सकते हैं – वो भी बिना लॉटरी, बिना रिस्क।
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