Peer Comparison जब आप किसी कंपनी में निवेश करने की सोचते हैं, तो सिर्फ उसकी बैलेंस शीट या प्रॉफिट देखना पर्याप्त नहीं होता।
असली समझ तब आती है जब आप उस कंपनी की तुलना उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों यानी Peers से करते हैं।
इसी प्रक्रिया को कहा जाता है – Peer Comparison या सहकर्मी तुलना।
Peer Comparison क्या है?
Peer Comparison का अर्थ है – किसी कंपनी की तुलना उसी सेक्टर या उद्योग की अन्य कंपनियों से करना।
यह तुलना वित्तीय, व्यावसायिक और प्रदर्शन के कई मापदंडों पर की जाती है, जिससे यह समझा जा सके कि कौन सी कंपनी अपने क्षेत्र में बेहतर है।
उदाहरण: अगर आप Infosys में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको उसकी तुलना TCS, Wipro, HCL Tech जैसी कंपनियों से करनी चाहिए।
सहकर्मी तुलना क्यों जरूरी है?
सही स्टॉक का चुनाव करने में मदद
बाजार की औसत से बेहतर या खराब प्रदर्शन का आकलन
वैल्यूएशन का विश्लेषण
प्रतिस्पर्धी लाभ का पता लगाना
निवेशक की समझ को गहराई देना
Peer Comparison कैसे करें?
Peer Comparison करते समय आपको नीचे दिए गए मुख्य मापदंडों पर ध्यान देना चाहिए:
1. Valuation Ratios
P/E Ratio (Price to Earnings)
P/B Ratio (Price to Book)
EV/EBITDA
2. Financial Performance
Revenue Growth
Net Profit Margin
Return on Equity (ROE)
3. Debt & Liquidity
Debt to Equity Ratio
Current Ratio
Interest Coverage Ratio
4. Market Performance
Market Capitalization
52-Week High/Low
Volume & Liquidity
Peer Comparison किन स्रोतों से करें?
Screener.in
Moneycontrol
TickerTape
BSE/NSE Website
Annual Reports & Investor Presentations
सहकर्मी तुलना के लाभ
स्मार्ट निवेश निर्णय
कम समय में बेहतर तुलना
ओवरवैल्यू और अंडरवैल्यू कंपनियों की पहचान
पोर्टफोलियो निर्माण में सहायता
सहकर्मी तुलना की सीमाएं
अलग-अलग कंपनियों की रणनीति और लक्ष्य भिन्न होते हैं
कभी-कभी डेटा समान नहीं होते
बाहरी आर्थिक फैक्टर तुलना को प्रभावित कर सकते हैं
गलत Peers का चुनाव गलत नतीजा दे सकता है
ChalakInvestor की सलाह:
कोई भी स्टॉक खरीदने से पहले उसके Peers से तुलना जरूर करें। इससे आपको न केवल उस कंपनी की वास्तविक स्थिति का पता चलता है,
बल्कि यह भी पता चलता है कि क्या आप सही वैल्यू पर निवेश कर रहे हैं।
सहकर्मी तुलना सिर्फ एक टूल नहीं, बल्कि एक स्मार्ट निवेशक की आदत होनी चाहिए।