NSE और BSE क्या होते हैं?
यदि आपने शेयर बाजार की चर्चाएँ सुनी हों, तो निश्चित रूप से आपने NSE और BSE की बात सुनी होगी। लेकिन बहुत से लोगों को इसका मतलब नहीं होता। चलिए इसे बहुत सरल भाषा में समझते हैं।
NSE क्या है?
इसका पूरा नाम है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange)।
यह भारत का एक बड़ा शेयर बाजार है। इसमें बहुत सी कंपनियां अपने शेयर बेचती हैं। जब कोई निवेशक (investor) शेयर खरीदना या बेचना चाहता है, तो वह NSE के ज़रिए ये काम कर सकता है।
NSE की शुरुआत 1992 में हुई थी।
यह पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म है – यानी सबकुछ कंप्यूटर पर होता है।
यहाँ सबसे फेमस इंडेक्स है Nifty 50, जिसमें 50 बड़ी कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं।
BSE क्या है?
- बीएसई का पूरा नाम है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange)।
- यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी शुरुआत 1875 में हुई थी।
- यह मुंबई में स्थित है।
- बीएसई में हजारों कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं।
इसका प्रमुख इंडेक्स है Sensex, जिसमें 30 बड़ी कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं।
NSE और BSE में क्या फर्क है?
पॉइंट | NSE (National Stock Exchange) | BSE (Bombay Stock Exchange) |
---|---|---|
शुरुआत कब हुई? | 1992 में | 1875 में (भारत का सबसे पुराना एक्सचेंज) |
मुख्य इंडेक्स | Nifty 50 | Sensex |
ट्रेडिंग का तरीका | शुरू से ही पूरी तरह डिजिटल | पहले ऑफलाइन था, अब डिजिटल हो चुका है |
ट्रेडिंग की स्पीड | थोड़ी तेज़ | NSE के मुकाबले थोड़ी धीमी |
NSE और BSE का काम क्या होता है?
दोनों एक्सचेंज का काम है –
- कंपनियों को शेयर बेचने की जगह देना
- निवेशकों को शेयर खरीदने-बेचने का प्लेटफॉर्म देना
- हर लेन-देन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना
इसका मतलब ये हुआ कि अगर कोई कंपनी पैसा जुटाना चाहती है, तो वो NSE या BSE में अपने शेयर बेच सकती है।
और कोई भी आम आदमी या निवेशक वहां से वो शेयर खरीद सकता है।
क्या हम इनसे जुड़ सकते हैं?
हां, आज के समय में आप मोबाइल ऐप या वेबसाइट से बहुत आसानी से शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं।
लेकिन ध्यान रखना ज़रूरी है –
- थोड़ा सीखकर ही शुरुआत करें।
- रिसर्च करना जरूरी है।
- पैसे सोच-समझकर लगाएं।
निष्कर्ष (conclusion )
इसलिए अब आप समझ गए होंगे कि BSE और NSE दोनो भारत के शेयर मार्केट हैं, जहां कंपनियां अपने शेयर सेल करती हैं और लोग उन्हें ब्यूटी करते हैं। दोनों ही बहुत जरूरी भूमिका भारत की आर्थिक तरक्की में निभाते हैं।