Simple vs Exponential Moving Average परिचय:
मूविंग एवरेज (Moving Average) तकनीकी विश्लेषण का एक बुनियादी लेकिन प्रभावी टूल है। Simple vs Exponential Moving Average
यह किसी एसेट की कीमतों का औसत निकालकर एक स्मूथ लाइन तैयार करता है,
जिससे बाजार के ट्रेंड को समझने में मदद मिलती है। मूविंग एवरेज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
सरल चल औसत (Simple Moving Average – SMA)
घातांकीय चल औसत (Exponential Moving Average – EMA)
इन दोनों के अपने फायदे, सीमाएं और उपयोग हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि इन दोनों में क्या फर्क है
और दीर्घकालिक निवेश के लिए कौन बेहतर है।
1. सरल मूविंग एवरेज (SMA) क्या है?
SMA एक निश्चित अवधि की औसत कीमत होती है। मान लीजिए आप 10 दिनों का SMA देखना चाहते हैं,
तो यह पिछले 10 दिनों की क्लोजिंग कीमतों का औसत होगा।
उदाहरण:
SMA (10) = (P1 + P2 + … + P10) / 10
जहाँ P1 से P10 पिछले 10 दिनों की क्लोजिंग प्राइस हैं।
लाभ:
सरल और आसानी से समझने योग्य
लंबी अवधि में ट्रेंड को अच्छे से दिखाता है
सीमाएं:
पुराने डेटा को नए जितना ही महत्व देता है
ट्रेंड के मुकाबले थोड़ी देर से संकेत देता है (lagging indicator)
2. घातीय मूविंग एवरेज (EMA) क्या है?
EMA भी कीमतों का औसत ही है, लेकिन यह हाल की कीमतों को ज़्यादा वज़न देता है।
इसी वजह से यह बाजार की ताज़ा चाल को SMA के मुकाबले तेज़ी से पकड़ता है।
EMA की गणना कैसे होती है?
EMA = [Closing Price – EMA(previous)] × Multiplier + EMA(previous)
जहाँ Multiplier = 2 / (Selected Period + 1)
उदाहरण:
यदि आप 10-दिन EMA निकालना चाहते हैं:
Multiplier = 2 / (10 + 1) = 0.1818
यह हाल की कीमत को लगभग 18% वेट देता है।
लाभ:
हाल की कीमतों पर फोकस
तेजी से ट्रेंड पकड़ता है
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए बहुत उपयोगी
सीमाएं:
ज्यादा सेंसिटिव होने के कारण फॉल्स सिग्नल दे सकता है
शुरुआती लोगों के लिए गणना थोड़ा जटिल हो सकती है
SMA बनाम EMA – कौन बेहतर है?
विशेषता | SMA | EMA |
---|---|---|
गणना | साधारण औसत | हाल की कीमतों को अधिक वज़न |
संकेत मिलने की गति | धीमी | तेज |
फॉल्स सिग्नल | कम | अधिक |
उपयुक्तता | लॉन्ग टर्म निवेश | शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग |
दीर्घकालिक निवेश के लिए कौन सा औसत उपयोगी है?
सरल मूविंग एवरेज (SMA) दीर्घकालिक निवेश के लिए ज्यादा उपयुक्त होता है क्योंकि यह ज्यादा स्थिर होता है
और कम उतार-चढ़ाव दिखाता है। इससे लॉन्ग टर्म ट्रेंड को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।
जबकि EMA शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में, जैसे इंट्राडे या स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा काम आता है।
ChalakInvestor की सलाह:
अगर आप एक दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो SMA पर भरोसा करें। लेकिन यदि आप तेजी से बदलते बाजार में शॉर्ट टर्म निर्णय लेना चाहते हैं,
तो EMA आपकी मदद करेगा। दोनों मूविंग एवरेज को मिलाकर भी स्ट्रैटजी बनाई जा सकती है,
जैसे – 50 EMA और 200 SMA का क्रॉसओवर। लेकिन याद रखें, कोई भी इंडिकेटर 100% सही नहीं होता, इसलिए हमेशा जोखिम प्रबंधन करें।