• info@chalakinvestor.com
Follow Us
Image Not Found

  • Home
  • Learn & Grow
  • Face Value aur Market Value में क्या फर्क है?
Market Value vs Face Value Difference Chart in Hindi

Face Value aur Market Value में क्या फर्क है?

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपके मन में यह सवाल ज़रूर आता है कि Market Value vs Face Value में क्या फर्क है। नए निवेशक अक्सर इन दोनों terms को लेकर confuse हो जाते हैं और कई बार गलत निर्णय ले लेते हैं। वास्तव में market value और face value बिल्कुल अलग concepts हैं। निवेशक के लिए यह फर्क समझना ज़रूरी है। आप हमेशा market value पर पैसे खर्च करते हैं, जबकि dividend और कुछ corporate actions face value पर आधारित होते हैं।


Face Value क्या होती है?

Face Value को हिंदी में मूल्यांकित मूल्य कहा जाता है। यह वह कीमत है जिस पर कंपनी अपना शेयर पहली बार जारी करती है।

  • जब कोई कंपनी IPO लाती है तो वह अपने शेयर की मूल कीमत तय करती है। यही face value होती है।

  • आमतौर पर face value ₹1, ₹2, ₹5 या ₹10 होती है।

  • यह मूल्य लंबे समय तक स्थिर रहता है।

  • इसे केवल stock split या reverse split जैसे corporate actions से बदला जा सकता है।

उदाहरण: अगर किसी शेयर का face value ₹10 है तो उसका मूल मूल्य 10 रुपये है। चाहे शेयर ₹100 पर बिके या ₹1000 पर, face value वही रहेगा।


Market Value क्या होती है?

Market Value को हिंदी में बाज़ार मूल्य कहते हैं। यह वह कीमत है जिस पर शेयर आज NSE या BSE में खरीदा-बेचा जा रहा है।

  • Market value demand और supply पर निर्भर करती है।

  • कंपनी का प्रदर्शन अच्छा है तो demand बढ़ेगी और कीमत ऊपर जाएगी।

  • प्रदर्शन खराब है तो demand घटेगी और कीमत नीचे आ जाएगी।

  • Market value हर दिन बदलती रहती है।

उदाहरण: किसी शेयर का face value ₹10 है। वही शेयर NSE पर ₹850 पर ट्रेड हो रहा है। यही उसका market value है।


Face Value और Market Value में फर्क

पैरामीटरFace ValueMarket Value
मतलबकंपनी द्वारा तय कीमतशेयर का मौजूदा बाजार मूल्य
निर्धारणकंपनी तय करती हैDemand और Supply तय करते हैं
स्थिरतालंबे समय तक स्थिर रहती हैरोज बदलती है
उपयोगDividend और Bonds की गणना मेंनिवेश और Trading के समय
उदाहरण₹1, ₹2, ₹5, ₹10₹100, ₹500, ₹1200, ₹5000

क्यों ज़रूरी है फर्क समझना?

  • निवेश का निर्णय market value पर होता है।

  • Dividend की गणना face value पर होती है।

  • Face value से शेयर की मूल संरचना समझ आती है।

  • Market value से शेयर की demand और popularity पता चलती है।

  • Risk management में भी यह फर्क ज़रूरी है।


उदाहरण से समझिए

कंपनी XYZ Ltd. ने अपना शेयर ₹10 face value पर जारी किया।

  • शुरुआत में शेयर इसी कीमत के आसपास ट्रेड हुआ।

  • बाद में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा।

  • demand बढ़ने पर शेयर NSE पर ₹850 तक चला गया।

  • Face value अब भी ₹10 है लेकिन market value ₹850 हो गई।


Chalakinvestor की सलाह

  • निवेशक को हमेशा दोनों values पर ध्यान देना चाहिए।

  • Long term investors face value का महत्व समझें।

  • Short term traders market value पर फोकस करें।

  • सिर्फ face value देखकर शेयर मत खरीदें।

  • कंपनी का प्रदर्शन और market value देखकर ही निर्णय लें।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. क्या face value और market value एक जैसी हो सकती हैं?
हाँ, IPO के समय दोनों लगभग समान हो सकती हैं। बाद में market value बदल जाती है।

Q2. क्या face value बदल सकती है?
आमतौर पर face value स्थिर रहती है। यह केवल stock split या reverse split से बदलती है।

Q3. Market value क्यों बदलती है?
यह demand और supply, कंपनी के performance और global events पर निर्भर करती है।

Q4. Dividend किस value पर मिलता है?
Dividend हमेशा face value पर आधारित होता है।

Q5. निवेशक को किस value पर ध्यान देना चाहिए?
Long term investors को दोनों values समझनी चाहिए। Short term traders को market value पर फोकस करना चाहिए।


निष्कर्ष (Conclusion)

संक्षेप में, Market Value vs Face Value का फर्क यह है कि face value कंपनी द्वारा तय की गई मूल कीमत होती है, जबकि market value वह कीमत है जिस पर शेयर बाजार में खरीदा-बेचा जाता है। Face value लंबे समय तक स्थिर रहती है, लेकिन market value हर दिन बदलती है। निवेशक के लिए Market Value vs Face Value दोनों को समझना ज़रूरी है। यही ज्ञान आपको सही निवेश निर्णय लेने में मदद करता है।


ये भी पढ़ें:
Index क्या होता है? आसान भाषा में पूरी जानकारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top