शेयर मार्केट में जब भी कोई निवेशक या ट्रेडर ट्रेड करना चाहता है, तो उसे सबसे पहले यह समझना पड़ता है कि Market Order क्या है और ऑर्डर कैसे लगाए जाते हैं। शेयर खरीदने और बेचने के लिए अलग-अलग तरह के ऑर्डर मौजूद होते हैं। इन्हीं में से सबसे आसान और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑर्डर है Market Order।
अक्सर शुरुआती निवेशक यह सोचते हैं कि शेयर खरीदने या बेचने के समय कौन-सा ऑर्डर लगाया जाए। अगर आपको तुरंत शेयर चाहिए या तुरंत बेचना है, तो आपके लिए Market Order सबसे सही विकल्प होता है। लेकिन सवाल यह है कि Market Order क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं और इसे कब इस्तेमाल करना चाहिए? आइए आसान भाषा में डिटेल से जानते हैं।
Market Order क्या है?
Market Order एक ऐसा ऑर्डर है जिसमें निवेशक बिना कोई प्राइस तय किए शेयर तुरंत खरीद या बेच सकता है।
इसमें आपको यह बताने की जरूरत नहीं होती कि आप किस कीमत पर शेयर लेना या बेचना चाहते हैं। जैसे ही आप ऑर्डर लगाते हैं, यह तुरंत उस समय के Best Available Price पर Execute हो जाता है।
आसान शब्दों में:
Market Order का मतलब है “तुरंत ट्रेड करना – प्राइस मार्केट खुद तय करेगा।”
Market Order कैसे काम करता है?
Market Order का प्रोसेस बहुत सीधा और सरल होता है:
आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (जैसे Zerodha, Upstox या Groww) पर Market Order चुनते हैं।
आप Quantity (कितने शेयर खरीदने/बेचने हैं) भरते हैं।
जैसे ही आप ऑर्डर लगाते हैं, ब्रोकर उसे स्टॉक एक्सचेंज (NSE/BSE) पर भेज देता है।
आपका ऑर्डर तुरंत उस समय के मार्केट प्राइस पर पूरा हो जाता है।
उदाहरण:
मान लीजिए Reliance Industries का शेयर ₹2,500 पर ट्रेड कर रहा है।
आपने 10 शेयर खरीदने का Market Order लगाया।
आपका ऑर्डर तुरंत ₹2,500 या उसके आस-पास (₹2,498 या ₹2,502) पर Execute हो जाएगा।
इसमें आपका मकसद Speed है, प्राइस Control नहीं।
Market Order के फायदे
Market Order के कई ऐसे फायदे हैं, जिसकी वजह से यह शुरुआती निवेशकों और Intraday ट्रेडर्स के बीच बहुत पॉपुलर है:
तुरंत Execution – जैसे ही आप ऑर्डर लगाते हैं, वह तुरंत पूरा हो जाता है।
सिंपल और आसान – इसमें प्राइस चुनने की जरूरत नहीं होती, नए निवेशक आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
Liquidity वाले स्टॉक्स में Best Option – अगर आप High Volume वाले स्टॉक्स (जैसे Reliance, Infosys, HDFC Bank) में ट्रेड कर रहे हैं, तो प्राइस में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
Intraday और Short-term Traders के लिए परफेक्ट – उन्हें बार-बार तेजी से ट्रेड करना होता है, इसलिए Market Order सबसे आसान रहता है।
Market Order के नुकसान
हर ऑर्डर की तरह Market Order के भी कुछ नुकसान हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
प्राइस पर कोई कंट्रोल नहीं – आपका ऑर्डर उस समय मार्केट में जो भी प्राइस मिलेगा, उसी पर पूरा होगा।
Slippage का खतरा – कभी-कभी स्टॉक के प्राइस तेजी से ऊपर-नीचे होते हैं। इससे आपका ऑर्डर उम्मीद से अलग प्राइस पर Execute हो सकता है।
Low Volume वाले स्टॉक्स में दिक्कत – जिन शेयरों में खरीदार-विक्रेता कम होते हैं, वहां प्राइस का फर्क ज्यादा हो सकता है।
बड़े ऑर्डर में नुकसान – अगर आप बहुत बड़ी Quantity में खरीद/बिक्री करते हैं, तो आपका ऑर्डर कई अलग-अलग प्राइस पर Execute हो सकता है।
Market Order कब इस्तेमाल करना चाहिए?
Market Order हर समय लगाना सही नहीं है। इसे सही मौके पर इस्तेमाल करना जरूरी है:
आपको जब तुरंत शेयर खरीदने या बेचने हों।
जब आप Highly Liquid स्टॉक्स (Nifty 50, Sensex कंपनियों) में ट्रेड कर रहे हों।
जब Execution Speed आपके लिए ज्यादा जरूरी हो और प्राइस में थोड़ा फर्क मायने न रखता हो।
आप जब Intraday Trading या Scalping कर रहे हों।
लेकिन अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और आपको प्राइस पर कंट्रोल चाहिए, तो Limit Order बेहतर है।
Market Order और Limit Order में अंतर
अक्सर निवेशक Market Order और Limit Order को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं। नीचे दिए गए टेबल से यह फर्क साफ समझ आएगा:
बिंदु (Feature) | Market Order | Limit Order |
---|---|---|
Execution Speed | तुरंत होता है | तय प्राइस मिलने पर होता है |
Price Control | नहीं | हाँ, लिमिट प्राइस पर ही पूरा होगा |
Slippage का खतरा | ज्यादा | कम |
Beginners के लिए | आसान | थोड़ा मुश्किल |
सबसे अच्छा इस्तेमाल कब करें | जब Speed जरूरी हो | जब प्राइस Control जरूरी हो |
Market Order का असली उदाहरण
मान लीजिए आप Infosys का शेयर खरीदना चाहते हैं।
Infosys का प्राइस इस समय ₹1,600 है।
आपने 20 शेयर खरीदने का Market Order लगाया।
आपका ऑर्डर तुरंत ₹1,600 या उसके आसपास की कीमत पर पूरा हो जाएगा।
यानी आपको इंतजार नहीं करना पड़ेगा, लेकिन प्राइस आपके कंट्रोल में भी नहीं रहेगा।
ChalakInvestor की सलाह
अगर आप Beginner हैं या Intraday Trading करते हैं, तो Market Order आपके लिए सही विकल्प है। लेकिन ध्यान रखें:
Penny Stocks और Low Volume वाले शेयरों में Market Order कभी न लगाएं।
अगर आप बड़ी Quantity खरीदना चाहते हैं, तो Limit Order बेहतर रहेगा।
लंबी अवधि के निवेश में हमेशा प्राइस Control पर ध्यान दें।
FAQs: Market Order से जुड़े आम सवाल
Q1. Market Order क्या है?
Market Order एक ऐसा ऑर्डर है जिसमें शेयर तुरंत Best Available Price पर खरीदे या बेचे जाते हैं।
Q2. क्या Market Order में प्राइस Fix किया जा सकता है?
नहीं, इसमें प्राइस मार्केट खुद तय करता है।
Q3. Market Order लगाने पर शेयर कितनी जल्दी मिलता है?
जैसे ही आप ऑर्डर लगाते हैं, यह तुरंत Execute हो जाता है।
Q4. Market Order किसके लिए सही है?
यह Beginners, Intraday Traders और ऐसे निवेशकों के लिए सही है जिन्हें Speed चाहिए।
Q5. Market Order और Limit Order में से कौन बेहतर है?
अगर आपको तुरंत Execution चाहिए तो Market Order सही है। लेकिन अगर आप प्राइस Control करना चाहते हैं, तो Limit Order बेहतर है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अब आप समझ गए होंगे कि Market Order क्या है और यह क्यों जरूरी है। यह ऑर्डर सबसे आसान और तेज तरीका है शेयर खरीदने और बेचने का। हालांकि इसमें प्राइस पर कंट्रोल नहीं होता, लेकिन Liquidity वाले स्टॉक्स में यह काफी सुरक्षित रहता है।
कुल मिलाकर, Market Order उन निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए बेहतर है जिन्हें Execution की Speed चाहिए और प्राइस में थोड़ा फर्क चल सकता है। लेकिन अगर आप प्राइस Control चाहते हैं, तो Limit Order आपके लिए ज्यादा सही विकल्प रहेगा।