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Limit Up/Limit Down क्या होता है? आसान भाषा में जानिए

Stock Market में हर दिन शेयर की कीमतें ऊपर-नीचे होती रहती हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कोई शेयर अचानक बहुत तेज़ चढ़ जाता है (Limit Up) या बहुत तेज़ गिर जाता है (Limit Down)। ऐसे हालात में छोटे निवेशक घबरा सकते हैं और Market में अफरा-तफरी मच सकती है। इसी से बचाने के लिए Limit Up/Limit Down System बनाया गया है, और यही समझने के लिए जानना जरूरी है कि Limit Up/Limit Down क्या होता है।


Limit Up/Limit Down की परिभाषा

Limit Up/Limit Down क्या होता है?
यह एक Price Band (सीमा) है जो Stock Exchange किसी शेयर या Index पर लगाता है।
इसका मतलब है कि किसी शेयर की कीमत एक दिन में तय सीमा से ज्यादा ऊपर नहीं जा सकती (Limit Up) और ज्यादा नीचे नहीं गिर सकती (Limit Down)


Limit Up/Limit Down कैसे काम करता है?

  • हर शेयर या Index पर Exchange रोजाना एक Price Band लगाता है।

  • अगर शेयर उस Band के ऊपरी स्तर तक पहुंच जाता है → Limit Up लग जाता है।

  • अगर शेयर उस Band के निचले स्तर तक पहुंच जाता है → Limit Down लग जाता है।

  • उसके बाद उस दिन उस शेयर की कीमत उस सीमा से ऊपर या नीचे नहीं जा सकती।

यानी यह System Market को Control में रखता है और शेयर की कीमतों को अचानक बहुत ज्यादा बदलने से रोकता है।


उदाहरण से समझिए

मान लीजिए किसी शेयर की कीमत ₹100 है और उस पर 10% का Price Band लगाया गया है।

  • Limit Up: अगर शेयर ₹110 तक पहुंच जाए, तो उस दिन वह ₹110 से ऊपर नहीं जा पाएगा।

  • Limit Down: अगर शेयर ₹90 तक गिर जाए, तो उस दिन वह ₹90 से नीचे नहीं जा पाएगा।


Limit Up/Limit Down का उद्देश्य

  • शेयर की कीमतों में अचानक आने वाली तेज़ चाल को रोकना।

  • Market में Stability (संतुलन) बनाए रखना।

  • Investors को बड़े नुकसान से बचाना।

  • Panic Buying और Panic Selling को रोकना।


महत्व Limit Up/Limit Down का

  • छोटे निवेशकों की सुरक्षा करता है।

  • Market में Fair Trading सुनिश्चित करता है।

  • Sudden News या Rumors से होने वाली अफरा-तफरी को रोकता है।

  • Market में भरोसा और Confidence बनाए रखता है।


फायदे Limit Up/Limit Down के

  • Market को अचानक गिरने या चढ़ने से बचाता है।

  • Investors को सोचने और फैसला लेने का समय देता है।

  • Market Manipulation को कम करता है।

  • Liquidity और Stability बनाए रखता है।


Limit Up/Limit Down की सीमाएँ

  • अगर कोई शेयर Limit Up या Limit Down पर फंस जाए तो Investor Buy या Sell नहीं कर पाता।

  • कई बार Liquidity कम हो जाती है।

  • यह सिर्फ Daily Price Control करता है, Long-Term Problem नहीं सुलझाता।


Limit Up/Limit Down और Circuit Breaker में फर्क

आधारLimit Up/Limit DownCircuit Breaker
लागू होता हैकिसी शेयर या Index परपूरे Market पर
सीमा2%, 5%, 10%, 20%10%, 15%, 20%
असरसिर्फ उस शेयर/Index परIndex Move होने पर पूरे Market पर

भारत में Limit Up/Limit Down

  • भारत में NSE और BSE दोनों इस System को Follow करते हैं।

  • SEBI ने Price Band 2%, 5%, 10% और 20% पर तय किया है।

  • अलग-अलग Stocks पर Liquidity और Volatility के हिसाब से अलग Price Bands लगाए जाते हैं।


Chalakinvestor की सलाह

  • अगर कोई शेयर बार-बार Limit Up या Limit Down पर फंस रहा है, तो उसमें Risk ज्यादा है।

  • Short-Term Trading करने वालों को Price Band का खास ध्यान रखना चाहिए।

  • Long-Term Investors के लिए यह System उतना बड़ा Issue नहीं है।

  • सिर्फ Limit देखकर निवेश न करें, कंपनी की असली Financial स्थिति भी जांचें।


FAQs

Q1. Limit Up/Limit Down क्या होता है?
Ans: यह एक Price Band है जिसके ऊपर या नीचे शेयर की कीमत एक दिन में नहीं जा सकती।

Q2. Limit Up कब लगता है?
Ans: जब शेयर की कीमत अपने Upper Limit तक पहुंच जाती है।

Q3. Limit Down कब लगता है?
Ans: जब शेयर की कीमत अपनी Lower Limit तक गिर जाती है।

Q4. भारत में Price Band कितना होता है?
Ans: SEBI ने 2%, 5%, 10% और 20% Price Bands तय किए हैं।

Q5. Circuit Breaker और Limit Up/Down में क्या फर्क है?
Ans: Circuit Breaker पूरे Market के लिए होता है, जबकि Limit Up/Down किसी एक शेयर या Index के लिए।


निष्कर्ष

अब आप समझ गए होंगे कि Limit Up/Limit Down क्या होता है। यह System Market को अचानक होने वाले बड़े उतार-चढ़ाव से बचाता है। इससे छोटे निवेशक सुरक्षित रहते हैं और Market Stable बना रहता है। भारत में NSE और BSE दोनों पर यह Rule लागू है और SEBI इसकी निगरानी करता है।

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