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SEBI action on Golden Tobacco promoters with market ban and penalty

Golden Tobacco Case: SEBI का बड़ा एक्शन, प्रमोटरों पर मार्केट बैन और जुर्माना

गोल्डन टोबैको केस में सेबी की सख्ती

Golden Tobacco Limited (GTL) कभी अपने मशहूर Panama और Chancellor सिगरेट ब्रांड्स के लिए जानी जाती थी। लेकिन, कंपनी धीरे-धीरे रियल एस्टेट कारोबार में ज्यादा निर्भर हो गई और 2022 में NCLT (National Company Law Tribunal) ने इसे दिवालिया घोषित कर दिया। अब इस मामले में SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने बड़ा कदम उठाया है।

SEBI ने क्या कार्रवाई की?

SEBI ने कंपनी और उसके प्रमोटरों पर फंड डायवर्जन (Fund Diversion) और वित्तीय गड़बड़ी के गंभीर आरोपों के बाद सख्त आदेश जारी किया है।

  • संजय डालमिया (Promoter) → 2 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बैन, ₹30 लाख का जुर्माना।

  • अनुराग डालमिया (Director & Promoter) → 1.5 साल का बैन, ₹20 लाख का जुर्माना।

  • अशोक कुमार जोशी (पूर्व निदेशक) → 1 साल का बैन, ₹10 लाख का जुर्माना।

फंड डायवर्जन का खुलासा

सेबी की जांच के अनुसार, वित्त वर्ष 2010-2015 में GTL ने अपनी सब्सिडियरी GRIL को ₹175.17 करोड़ लोन के रूप में ट्रांसफर किए।

  • कंपनी ने अपनी रिपोर्ट्स में इसे “लोन और एडवांस” बताया।

  • असल में केवल ₹36 करोड़ ही वापस आए।

  • बाकी रकम प्रमोटरों की अन्य कंपनियों की ओर डायवर्ट कर दी गई।

इसका मतलब है कि कंपनी ने शेयरहोल्डर्स के पैसे का गलत इस्तेमाल किया और रिपोर्ट्स में गुमराह करने वाली जानकारी दी।

लैंड डील्स में गड़बड़ी

SEBI की जांच में सामने आया कि कंपनी ने महत्वपूर्ण जमीन सौदे (Land Deals) को शेयरधारकों को बताए बिना किया।

  • कई डील्स कंपनी के हित में नहीं थीं।

  • रिपोर्टिंग में पारदर्शिता नहीं रखी गई।

सेबी का कमेंट

SEBI अथॉरिटी एन. मुरुगन ने आदेश में कहा कि प्रमोटरों ने फंड डायवर्जन से अप्रत्यक्ष रूप से लाभ उठाया। इससे सबसे बड़ा नुकसान शेयरहोल्डर्स को हुआ।

Golden Tobacco का इतिहास

  • मशहूर ब्रांड: Panama, Chancellor

  • बाद में रियल एस्टेट कारोबार पर फोकस।

  • 2022 में NCLT ने दिवालिया घोषित किया।

  • पहले भी SEBI ने 2013 और 2014 में कार्रवाई की थी।


ChalakInvestor की सलाह

यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो यह केस आपके लिए बड़ा सबक है।

  • हमेशा कंपनी की Annual Report और Corporate Governance पर ध्यान दें।

  • फंड डायवर्जन, कर्ज बढ़ने और प्रमोटर से जुड़ी खबरें नजरअंदाज न करें।

  • लंबे समय के निवेश से पहले कंपनी का Track Record और SEBI Orders जरूर पढ़ें।


FAQs – Golden Tobacco Case और SEBI Action

Q1. SEBI ने Golden Tobacco के खिलाफ क्या कदम उठाए?
SEBI ने प्रमोटरों पर मार्केट बैन और जुर्माना लगाया क्योंकि उन्होंने फंड डायवर्जन और गलत वित्तीय रिपोर्टिंग की थी।

Q2. संजय डालमिया पर क्या कार्रवाई हुई है?
संजय डालमिया पर 2 साल का मार्केट बैन और ₹30 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

Q3. कंपनी के दिवालिया होने का कारण क्या है?
कंपनी ने तंबाकू बिजनेस से ज्यादा रियल एस्टेट पर निर्भरता बढ़ाई और फाइनेंशियल गड़बड़ियों के कारण 2022 में NCLT ने दिवालिया घोषित कर दिया।

Q4. निवेशकों के लिए इस केस से क्या सीख है?
निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय दस्तावेज, कर्ज, SEBI ऑर्डर और प्रमोटर की ईमानदारी की जांच जरूरी है।

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