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"Gold ETF vs Physical Gold – A visual comparison for smart investors"

Gold ETF या Physical Gold?

Gold ETF vs Physical Gold – कौन सा बेहतर निवेश है?

सोने में निवेश के दो मुख्य तरीके हैं: Gold ETF और Physical Gold। दोनों का उद्देश्य भविष्य की सुरक्षा है, लेकिन निवेश का तरीका अलग होता है। आइए जानते हैं आपके लिए कौन-सा विकल्प सही है।


Gold ETF क्या होता है?

Gold ETF एक डिजिटल निवेश है। इसमें आप सोने को सीधे नहीं खरीदते, बल्कि उसकी कीमतों में निवेश करते हैं। यह स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की तरह खरीदा और बेचा जाता है। इसे आप कभी भी ऑनलाइन लेन-देन कर सकते हैं।


Physical Gold क्या होता है?

Physical Gold यानी असली सोना – जैसे गहने, सिक्के या बिस्किट्स। इसे आप पहन सकते हैं या भविष्य के लिए जमा रख सकते हैं। भारत में इसका पारंपरिक और भावनात्मक महत्व बहुत गहरा है।


Gold ETF vs Physical Gold – मुख्य अंतर

  • सुरक्षा: Physical Gold को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर चाहिए। Gold ETF डिजिटल होता है, जिससे स्टोरेज की जरूरत नहीं।

  • तरलता: Gold ETF को तुरंत ऑनलाइन बेचा जा सकता है। फिजिकल गोल्ड में यह थोड़ा कठिन होता है।

  • मेकिंग चार्ज: गहनों में चार्ज लगता है, जो ETF में नहीं होता।

  • टैक्स: Gold ETF पर लॉन्ग टर्म टैक्स में छूट मिलती है, फिजिकल गोल्ड पर नहीं।


कब क्या चुनें?

सिर्फ रिटर्न चाहिए तो Gold ETF बेहतर है।
अगर परंपरा, गहने या उपहार महत्वपूर्ण हैं, तो Physical Gold चुनें।


निष्कर्ष

Gold ETF vs Physical Gold – दोनों की उपयोगिता है।
स्मार्ट निवेशक दोनों में संतुलन रखते हैं – यही समझदारी है।


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