शुरुआत: 50 लाख का नुकसान और जिंदगी का सबक
साल 2008… पूरी दुनिया का शेयर बाजार डगमगा रहा था।
इसी दौरान एक युवा प्रोफेशनल, गजेंद्र कोठारी, भी सपनों के साथ बाजार में कदम रख चुके थे।
लंदन में नौकरी, मोटी सैलरी और ट्रेडिंग का जुनून। उन्हें लगा कि F&O (Futures & Options) से जल्दी अमीर बना जा सकता है।
लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।
डे-ट्रेडिंग और लीवरेजिंग के चक्कर में उन्होंने अपनी दो साल की कमाई, यानी 50 लाख रुपये गंवा दिए।
गजेंद्र कहते हैं – “यह मेरी जिंदगी का सबसे महंगा सबक था, जिसके लिए मैंने 50 लाख की फीस चुकाई।”
नई शुरुआत: छोटी SIP, बड़ा सपना
इस झटके ने उन्हें सिखाया कि सट्टेबाजी से दौलत नहीं बनती।
2009 में भारत लौटकर उन्होंने खुद से वादा किया – अब सिर्फ अनुशासित निवेश करेंगे।
अगस्त 2010, गजेंद्र ने अपनी पहली SIP शुरू की।
राशि? सिर्फ 10,000 रुपये।
5,000 रुपये स्मॉल कैप फंड
5,000 रुपये ELSS फंड
उनका सोचना था – “अगर मैं ग्राहकों को SIP की सलाह दे रहा हूँ, तो पहले खुद को इसे निभाना होगा।”
इस दौरान उनकी बेटी का जन्म हुआ, खर्चे बढ़े, लेकिन SIP कभी नहीं रुकी।
15 साल बाद वही 18 लाख का निवेश आज 86 लाख रुपये बन चुका है।
10,000 से 40 लाख रुपये की SIP
धीरे-धीरे उन्होंने अपनी SIP को बढ़ाया –
पहले 50,000 रुपये
फिर 1 लाख रुपये
और 2020 तक 6-7 लाख रुपये
आज की तारीख में वे हर महीने 41 लाख रुपये SIP में डाल रहे हैं।
यानी सालाना करीब 5 करोड़ रुपये का निवेश।
गजेंद्र का कहना है – “पहले एक्टिव इनकम पर फोकस करें। SIP उसी पैसे से बढ़ेगी। समय के साथ यह पैसिव इनकम आपके सपनों से भी बड़ी हो जाएगी।”
पोर्टफोलियो और रणनीति
आज उनका पोर्टफोलियो लगभग 60 करोड़ रुपये का है।
90% पैसा मिड और स्मॉल कैप फंड्स में लगा है।
वे FD, PPF, क्रिप्टो या डायरेक्ट स्टॉक्स में पैसा नहीं लगाते।
उनकी रणनीति अलग है –
खराब प्रदर्शन वाले सेक्टर में निवेश करना
मार्केट क्रैश में ज्यादा पैसा लगाना
SIP को कभी न रोकना
और सबसे जरूरी – धैर्य रखना
Gajendra Kothari SIP Story से सीख
छोटे से शुरुआत करें – रकम छोटी हो, लेकिन निरंतरता जरूरी है।
ऑटोमेशन करें – SIP ऑटोमेट करें ताकि यह कभी रुके नहीं।
मार्केट क्रैश में घबराएँ नहीं – यही समय है ज्यादा निवेश का।
आय बढ़ाएँ – जितनी एक्टिव इनकम, उतनी बड़ी SIP।
सिंपल पोर्टफोलियो रखें – सिर्फ 5-6 फंड्स काफी हैं।
निष्कर्ष
Gajendra Kothari SIP Story यह बताती है कि अनुशासन और धैर्य से सपनों को हकीकत बनाया जा सकता है।
कभी 50 लाख रुपये खोने वाला शख्स आज हर महीने 40 लाख रुपये SIP में डाल रहा है और 65 की उम्र तक 3,000 करोड़ रुपये का पोर्टफोलियो बनाने की राह पर है।
उनकी कहानी हर उस निवेशक के लिए सबक है, जो जल्द अमीर बनने के शॉर्टकट ढूंढ रहा है।
सही रास्ता सिर्फ एक है – छोटी SIP, लंबी अवधि और पूरा धैर्य।
Chalakinvestor की सलाह
गजेंद्र कोठारी की SIP journey हमें यही सिखाती है कि सही निवेश रणनीति से कोई भी बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है। अगर आप भी अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाना चाहते हैं तो इन बातों पर ध्यान दें:
जल्दी शुरुआत करें: SIP जितनी जल्दी शुरू करेंगे, उतना बड़ा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा।
रुकें नहीं: मार्केट क्रैश या गिरावट के दौरान भी SIP जारी रखें।
बढ़ाते रहें: जैसे-जैसे आय बढ़े, SIP की राशि भी बढ़ाते रहें।
सिंपल पोर्टफोलियो: 5-6 अच्छे फंड्स चुनें, ज्यादा diversification से बचें।
धैर्य रखें: कम से कम 10-15 साल तक निवेश को छुएं नहीं।
Chalakinvestor की राय है कि SIP केवल निवेश का तरीका नहीं, बल्कि एक financial discipline है। अगर आप इसे लंबे समय तक निभाते हैं तो करोड़पति बनना मुश्किल नहीं है।
Disclaimer
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
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