• info@chalakinvestor.com
Follow Us
Image Not Found

  • Home
  • Learn & Grow
  • Fibonacci Retracement : क्या है और इसका महत्व क्या है?
Fibonacci Retracement Levels on Stock Chart in Hindi

Fibonacci Retracement : क्या है और इसका महत्व क्या है?

Fibonacci Retracement  एक लोकप्रिय तकनीकी संकेतक है, जिसका उपयोग शेयर बाजार में प्राइस मूवमेंट को समझने और संभावित सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल की पहचान के लिए किया जाता है। यह टूल फिबोनैच्ची संख्या श्रृंखला पर आधारित है, जिसमें 23.6%, 38.2%, 50%, 61.8%, और 78.6% प्रमुख रिट्रेसमेंट लेवल होते हैं।


Fibonacci Retracement का क्या अर्थ है?

जब कोई स्टॉक या इंडेक्स एक दिशा में मजबूत मूव करता है, तो वह मूवमेंट के बाद कुछ समय के लिए पीछे भी आ सकता है।

इस पीछे हटने की प्रक्रिया को Retracement कहा जाता है। फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट्स यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि वह रिट्रेसमेंट कहां तक हो सकता है।


फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट लेवल क्या हैं?

नीचे दिए गए मुख्य स्तर फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट्स में उपयोग होते हैं:

  • 23.6% – हल्का रिट्रेसमेंट

  • 38.2% – सामान्य रिट्रेसमेंट

  • 50% – मनोवैज्ञानिक स्तर

  • 61.8% – गोल्डन रेश्यो (सबसे महत्वपूर्ण)

  • 78.6% – गहरी वापसी का संकेत

इन स्तरों का उपयोग सपोर्ट और रेजिस्टेंस की पहचान के लिए किया जाता है।


फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट लेवल आपको क्या बताते हैं?

इन लेवल्स से यह पता चलता है कि प्राइस कब और कहां पलट सकता है। जब प्राइस ऊपर जाता है

और फिर नीचे आता है, तो ये लेवल्स संभावित “बाउंस बैक” पॉइंट्स दर्शाते हैं।

इसी तरह, डाउनट्रेंड में भी ये संभावित रेजिस्टेंस लेवल बनते हैं।


फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट का फॉर्मूला क्या है?

Fibonacci Retracement लेवल इस फॉर्मूले से निकाले जाते हैं:

Level = High – [(High – Low) × Fibonacci Ratio]

उदाहरण के लिए, यदि किसी स्टॉक का हाई 200 और लो 100 है, तो
61.8% रिट्रेसमेंट लेवल = 200 – [(200 – 100) × 0.618] = 138.2


फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट की गणना कैसे करें?

  1. चार्ट पर हाल ही का हाई और लो पॉइंट पहचानें

  2. फिबोनैक्सी टूल चुनें (ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर)

  3. टूल को लो से हाई (या हाई से लो) तक ड्रॉ करें

  4. प्लेटफॉर्म खुद सभी रिट्रेसमेंट लेवल दिखा देगा

यह प्रक्रिया बहुत आसान होती है और कुछ सेकंड में की जा सकती है।


फिबोनैक्सी रिट्रेसमेंट के फायदे और नुकसान

फायदे:

  • ट्रेंड के संभावित रिवर्सल पॉइंट्स बताता है

  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस को पहचानने में मदद करता है

  • आसान और तेज़ी से चार्ट पर इस्तेमाल किया जा सकता है

नुकसान:

  • यह भविष्यवाणी नहीं करता, सिर्फ संकेत देता है

  • फेक ब्रेकआउट में भ्रम पैदा कर सकता है

  • अन्य टूल्स के बिना उपयोग करना जोखिमभरा हो सकता है


ट्रेडर इसका उपयोग कैसे करते हैं?

ट्रेडर फिबोनैक्सी लेवल्स का उपयोग करके एंट्री और एग्जिट पॉइंट तय करते हैं।

जब स्टॉक किसी प्रमुख रिट्रेसमेंट लेवल पर आता है, तो वे वहां से रिवर्सल की संभावना देखते हैं।

साथ ही वे इन लेवल्स को स्टॉप लॉस और टारगेट सेट करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।


Fibonacci Retracement कैसे बनाएं?

  1. चार्ट पर सबसे हाल का ट्रेंड चुनें

  2. अगर अपट्रेंड है तो लो से हाई तक टूल खींचें

  3. अगर डाउनट्रेंड है तो हाई से लो तक खींचें

  4. चार्ट पर सभी रिट्रेसमेंट लेवल्स दिखेंगे

  5. उनके आधार पर अपनी ट्रेडिंग योजना बनाएं


Chalakinvestor की सलाह

Fibonacci Retracement एक शक्तिशाली संकेतक है, लेकिन इसका उपयोग RSI, MACD और ट्रेंडलाइन

जैसे अन्य टूल्स के साथ करना अधिक प्रभावी होता है। इसका अकेले उपयोग करना जोखिमभरा हो सकता है।

समझदारी से इस्तेमाल करें और चार्ट पर अभ्यास करते रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join WhatsApp
News Gallery
Spread क्या होता है और इसके types, Bid-Ask Spread, फायदे-नुकसान हिंदी में
Inox Clean Energy IPO: भारत का सबसे बड़ा क्लीन एनर्जी इश्यू ₹6000 करोड़ का हो सकता है
"Gold ETF vs Physical Gold – A visual comparison for smart investors"
Compounding Calculator से निवेश की गणना
SEBI का क्या रोल है Concept in Hindi
Sensex और Nifty क्या हैं शेयर मार्केट में
ChalakInvestor Exclusive: डॉली खन्ना की नई चाल! किन दो स्टॉक्स में बढ़ाई हिस्सेदारी?
Financial Year क्या होता है Concept in Hindi
Scroll to Top