जब आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो सिर्फ शेयर की कीमत ही अहम नहीं होती। कंपनियां अपने निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए कई अन्य तरीकों का भी इस्तेमाल करती हैं। इनमें Bonus Split and Buyback जैसे विकल्प प्रमुख हैं। ये सभी तरीके निवेशकों को अतिरिक्त लाभ देने, कंपनी की छवि मजबूत करने और बाजार में शेयर की मांग को संतुलित करने के लिए अपनाए जाते हैं।
Bonus शेयर क्या होते हैं?
बोनस शेयर का मतलब है –
- कंपनी अपने शेयरधारकों को मुफ्त में नए शेयर देती है।
- जब कंपनी के पास ज्यादा मुनाफा होता है,
- और वह पैसे बांटने के बजाय शेयर देना चाहती है,
- तो वह बोनस शेयर देती है।
EXAMPLE :-
- अगर आपके पास 10 शेयर हैं
- और कंपनी 1:1 बोनस देती है,
- तो आपको 10 और शेयर फ्री मिलेंगे।
- इसका फायदा यह है कि आपके शेयर बढ़ जाते हैं,
- लेकिन कंपनी में आपकी हिस्सेदारी वही रहती है।
शेयर Split क्या होता है?
- स्प्लिट यानी शेयर का विभाजन।
- इसमें कंपनी एक शेयर को छोटे हिस्सों में बांट देती है।
- इससे शेयर की कीमत घटती है
- लेकिन कुल वैल्यू और हिस्सेदारी वही रहती है
EXAMPLE :
- अगर 1 शेयर ₹1000 का है
- और कंपनी 1:2 स्प्लिट करती है,
- तो आपको 2 शेयर मिलेंगे – ₹500 के।
- इसलिए, स्प्लिट शेयर को सस्ता बना देता है
- ताकि ज्यादा लोग उसमें निवेश कर सकें।
Buyback क्या होता है?
- बायबैक अर्थात कंपनी अपने ही शेयर को निवेशकों से वापस खरीदती है।
- जब कंपनी के पास ज्यादा कैश होता है,
- और उसे लगता है कि शेयर की कीमत कम है,
- तो वह बायबैक की घोषणा करती है।
बायबैक से होता क्या है?
- कंपनी के शेयर बाजार से हट जाते हैं
- शेयर की कुल संख्या घटती है
- जिससे बाकी बचे शेयर की वैल्यू बढ़ती है
- कंपनी के प्रति विश्वास बढ़ता है
EXAMPLE :-
- यदि आपके पास 100 शेयर हैं,
- तो कंपनी आपसे 20 शेयर वापस खरीद सकती है –
- वो भी बाजार से अधिक कीमत पर।
निष्कर्ष (CONCLUSION)
- बोनस, स्प्लिट और बायबैक तीनों ही तरीके हैं
- जिनसे कंपनियां निवेशकों को फायदा देती हैं।
- हर तरीका अलग होता है, और उसका असर भी अलग होता है।
- इसलिए, जब भी कोई कंपनी ऐसा ऐलान करे,
- तो ध्यान से पढ़ें, समझें और फिर निवेश का फैसला लें।




















