यर बाजार में हर समय खरीदार और विक्रेता सक्रिय रहते हैं। कोई stock खरीदना चाहता है और कोई बेचना चाहता है। इस खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में दो terms हमेशा सामने आती हैं – Bid Price और Ask Price। नए निवेशकों के लिए यह जानना जरूरी है कि Bid और Ask Price में क्या फर्क है, क्योंकि इन्हीं पर market की demand, supply और liquidity निर्भर करती है।
Bid Price की परिभाषा
Bid Price वह कीमत होती है जिस पर कोई खरीदार (buyer) किसी stock को खरीदने के लिए तैयार होता है।
यह हमेशा demand को दर्शाती है।
Buyers अलग-अलग कीमतों पर order लगाते हैं।
Highest Bid Price को देखकर अंदाज़ा लगाया जाता है कि खरीदार stock के लिए कितना देने को तैयार हैं।
उदाहरण: यदि किसी stock के लिए ₹100 पर buy order लगा है, तो यह उस समय का bid price होगा।
Ask Price की परिभाषा
Ask Price वह कीमत होती है जिस पर कोई विक्रेता (seller) अपना stock बेचने के लिए तैयार होता है।
यह हमेशा supply को दर्शाती है।
Sellers अलग-अलग कीमतों पर order लगाते हैं।
Lowest Ask Price से पता चलता है कि विक्रेता न्यूनतम कितने में बेचने को तैयार है।
उदाहरण: यदि किसी stock को ₹102 पर बेचने का order है, तो यह ask price कहलाएगा।
Bid और Ask Price में क्या फर्क है?
Bid Price = Buyer की खरीदने की कीमत।
Ask Price = Seller की बेचने की कीमत।
Bid Price हमेशा Ask Price से कम या बराबर होता है।
दोनों के बीच का अंतर Bid-Ask Spread कहलाता है।
Bid-Ask Spread क्या है?
Bid और Ask Price का अंतर ही spread कहलाता है।
Spread market की liquidity को दर्शाता है।
यदि spread ज्यादा है तो market में liquidity कम होती है।
यदि spread कम है तो market में liquidity ज्यादा होती है।
उदाहरण: यदि किसी stock का bid price ₹100 और ask price ₹102 है, तो spread ₹2 होगा।
Real Life Example
मान लीजिए किसी stock की order book इस तरह है:
Buy Orders (Bids): ₹100 पर 500 shares।
Sell Orders (Asks): ₹102 पर 400 shares।
इस case में buyers ₹100 में खरीदना चाहते हैं और sellers ₹102 में बेचना चाहते हैं। दोनों के बीच ₹2 का spread है। यदि buyer agree कर ले और ₹102 में खरीद लेता है तो trade execute हो जाएगा।
Bid और Ask Price का महत्व
Demand और Supply समझने के लिए: Buyers और sellers की activity से market sentiment का पता चलता है।
Entry और Exit Points तय करने के लिए: Traders spread देखकर सही समय पर buy/sell करते हैं।
Liquidity जानने के लिए: कम spread का मतलब है stock में ज्यादा trading हो रही है।
Intraday Trading में मदद: Intraday traders spread और price movement पर काफी ध्यान देते हैं।
Bid और Ask Price से जुड़ी बातें
Buyers की संख्या बढ़ने पर bid price बढ़ जाता है।
Sellers की संख्या ज्यादा होने पर ask price घट सकता है।
Market makers spread से profit कमाते हैं।
High volatility में spread अचानक बढ़ सकता है।
Ask Price और Bid बनाम Market Price
Market Price: वह price जिस पर actual trade execute होता है।
यह हमेशा किसी buyer और seller की agreement पर आधारित होता है।
Market Price कभी bid पर और कभी ask पर तय होता है।
ChalakInvestor की सलाह
हर trader को यह समझना चाहिए कि Bid और Ask Price में क्या फर्क है। Spread पर ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे liquidity और trading cost दोनों प्रभावित होते हैं। Beginners को हमेशा ऐसे stocks में trade करना चाहिए जिनमें spread कम हो, ताकि profit की संभावना ज्यादा रहे और risk कम हो।
FAQs: Bid और Ask Price में क्या फर्क है
Q1. Bid Price क्या होता है?
Bid Price वह कीमत है जिस पर buyer stock खरीदना चाहता है।
Q2. Ask Price क्या होता है?
Ask Price वह कीमत है जिस पर seller stock बेचना चाहता है।
Q3. Bid और Ask Price में क्या फर्क है?
Bid Price buyer की buying price है जबकि Ask Price seller की selling price।
Q4. Bid-Ask Spread क्या होता है?
Bid और Ask Price का अंतर spread कहलाता है। यह market की liquidity दिखाता है।
Q5. Bid और Ask Price कहाँ देखे जा सकते हैं?
Trading platforms और order books पर real-time data के रूप में।
निष्कर्ष
अब आप समझ गए कि Bid और Ask Price में क्या फर्क है। Bid Price हमेशा buyers की demand को दर्शाता है जबकि Ask Price sellers की supply को दिखाता है। दोनों के बीच का अंतर यानी Bid-Ask Spread liquidity और trading decision को प्रभावित करता है। सही trading strategy बनाने के लिए Bid और Ask Price को समझना हर निवेशक और trader के लिए ज़रूरी है।




















