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Balance Sheet का विश्लेषण

Balance Sheet basics क्या है?

Balance Sheet क्या है?

Balance Sheet एक वित्तीय विवरण है जो किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को किसी एक विशेष तिथि पर दर्शाता है।

यह बताती है कि कंपनी के पास कुल संपत्तियां (Assets), देनदारियां (Liabilities), और मालिकाना पूंजी (Equity) कितनी है।

इसे “Statement of Financial Position” भी कहा जाता है।


Balance Sheet कैसे काम करती है?

बैलेंस शीट एक फॉर्मूले पर आधारित होती है:

Assets = Liabilities + Shareholders’ Equity

इसका मतलब है कि कंपनी की सभी संपत्तियां या तो उधारी (liabilities) से खरीदी गई हैं या फिर कंपनी के मालिकों द्वारा लगाई गई पूंजी (equity) से।


Balance Sheetबैलेंस शीट के घटक

  1. संपत्तियां (Assets):

    • Current Assets: कैश, इन्वेंटरी, एकाउंट्स रिसीवेबल आदि

    • Non-Current Assets: बिल्डिंग, मशीनरी, पेटेंट्स आदि

  2. देनदारियां (Liabilities):

    • Current Liabilities: वेतन देनदारी, अकाउंट्स पेयेबल, अल्पकालिक ऋण

    • Non-Current Liabilities: दीर्घकालिक ऋण, बॉन्ड्स आदि

  3. मालिकाना पूंजी (Shareholders’ Equity):

    • शेयर कैपिटल, रिटेन्ड अर्निंग्स आदि


Balance Sheet का उदाहरण

मान लीजिए एक कंपनी की बैलेंस शीट निम्न प्रकार है:

  • Assets: ₹10,00,000

  • Liabilities: ₹6,00,000

  • Equity: ₹4,00,000

तो फॉर्मूला होगा:
₹10,00,000 = ₹6,00,000 + ₹4,00,000
इसका मतलब बैलेंस शीट संतुलित (balanced) है।


Balance Sheet की सीमाएँ

  • Historical Nature: यह किसी विशेष तारीख तक की स्थिति दिखाती है, न कि भविष्य की।

  • Non-Financial Factors को नजरअंदाज करती है: ब्रांड वैल्यू, ग्राहक संतुष्टि आदि इसमें शामिल नहीं होते।

  • Manipulation की संभावना: अकाउंटिंग ट्रिक्स से आंकड़ों को बदला जा सकता है।


बैलेंस शीट का महत्व</h3>

  1. वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन: इससे पता चलता है कि कंपनी कितनी मजबूत है।

  2. ऋण क्षमता का आकलन: बैंक इस दस्तावेज़ के आधार पर ऋण देने का निर्णय लेते हैं।

  3. निवेश का निर्णय: निवेशक यह देखकर निर्णय लेते हैं कि कंपनी वित्तीय रूप से सुरक्षित है या नहीं।


बैलेंस शीट क्यों महत्वपूर्ण है?

rt=”2022″ data-end=”2223″>क्योंकि यह यह स्पष्ट करती है कि कंपनी के पास कितनी संपत्ति है

और उस संपत्ति के लिए उसे कितना कर्ज चुकाना है। यह किसी कंपनी की लिक्विडिटी, सॉल्वेंसी और फंडिंग स्ट्रक्चर को समझने में मदद करती है।


Balance Sheet कौन तैयार करता है?

  • कंपनी का अकाउंटिंग विभाग

  • CA या वित्तीय सलाहकार

  • यह सामान्यतः प्रत्येक तिमाही और वित्तीय वर्ष के अंत में तैयार की जाती है।


बैलेंस शीट के उपयोग क्या हैं?

  • निवेशकों को निर्णय लेने में सहायता देना

  • प्रबंधन को रणनीति बनाने में मदद

  • ऋणदाता को ऋण अनुमोदन में सहायता

  • कंपनी की ग्रोथ और विस्तार की योजना बनाना


बैलेंस शीट का फार्मूला क्या है?

Assets = Liabilities + Equity

या,

Equity = Assets – Liabilities

यह फॉर्मूला यह दर्शाता है कि कंपनी की कुल संपत्तियां कैसे वित्तपोषित हुई हैं – कर्ज से या मालिकाना पूंजी से।


ChalakInvestor की सलाह

यदि आप किसी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं, तो उसकी बैलेंस शीट को जरूर पढ़ें।

इससे आपको कंपनी की आर्थिक मजबूती, ऋण बोझ, और लिक्विडिटी पोजीशन का स्पष्ट अनुमान मिलेगा।

सिर्फ मुनाफे पर न जाएं, बैलेंस शीट पूरी सच्चाई बताती है।

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