अगर आप शेयर बाजार, कमोडिटी या क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपने कई बार Breakout और Breakdown शब्द सुने होंगे।
ये दोनों तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) के ऐसे संकेत हैं, जो कीमत में तेज़ बदलाव के पहले दिखाई देते हैं।
ये लेवल सपोर्ट और रेजिस्टेंस से जुड़े होते हैं और किसी भी ट्रेडिंग स्ट्रैटजी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Breakout और Breakdown क्या होते हैं, कैसे इन्हें पहचानें और इनसे कैसे लाभ कमाया जा सकता है।
Breakout क्या होता है?
Breakout तब होता है जब किसी एसेट की कीमत एक प्रमुख Resistance Level को पार कर जाती है। इसका मतलब है
कि Buyers अब Sellers से ज़्यादा मजबूत हो गए हैं और कीमत में और तेजी आ सकती है।
कैसे पहचानें:
Resistance लाइन को तोड़ना
High Volume के साथ प्राइस का ऊपर जाना
लंबे समय से स्थिर या Sideways चल रहे चार्ट से बाहर निकलना
Breakout के बाद क्या हो सकता है?
कीमत तेज़ी से ऊपर जा सकती है
ट्रेडर्स इसमें Long Entry लेते हैं
Market में Sentiment पॉजिटिव होता है
उदाहरण:
अगर किसी स्टॉक का Resistance ₹200 है और वह ₹205 पर क्लोज होता है, तो यह Breakout माना जाएगा – खासकर अगर Volume ज़्यादा हो।
Breakdown क्या होता है?
Breakdown तब होता है जब किसी एसेट की कीमत अपने Support Level से नीचे गिर जाती है।
इसका मतलब है कि Sellers का दबाव Buyers से ज़्यादा हो गया है।
कैसे पहचानें:
Support लाइन के नीचे क्लोजिंग
बढ़ा हुआ Volume
कमजोर प्राइस एक्शन या लगातार गिरावट
Breakdown के बाद क्या हो सकता है?
कीमत नीचे की ओर तेज़ी से गिर सकती है
ट्रेडर्स इसमें Short Entry लेते हैं
Market में Sentiment नेगेटिव हो सकता है
उदाहरण:
अगर कोई स्टॉक ₹150 का Support लेवल बार-बार होल्ड कर रहा है, और एक दिन ₹145 पर क्लोज होता है तो यह Breakdown कहलाएगा।
False Breakout और False Breakdown से कैसे बचें?
बाजार में कई बार ऐसा होता है कि प्राइस थोड़े समय के लिए लेवल तोड़ देता है लेकिन फिर वापिस उसी रेंज में आ जाता है। इसे ही False Breakout या False Breakdown कहा जाता है।
बचाव कैसे करें?
Volume की पुष्टि करें – सही Breakout/Breakdown में Volume ज़्यादा होता है
क्लोजिंग प्राइस का इंतजार करें – केवल एक कैंडल से निर्णय न लें
Confirmation Indicator जैसे RSI, MACD का उपयोग करें
Retest का इंतजार करें – जब प्राइस पुराने लेवल को छूकर वापिस मूव करे
Breakout और Breakdown पर ट्रेडिंग कैसे करें?
लेवल की पहचान करें – Support और Resistance स्पष्ट रूप से देखें
Volume की पुष्टि करें – ब्रेकआउट के समय Volume अधिक होना चाहिए
Stop Loss सेट करें – फॉल्स मूव से बचने के लिए आवश्यक है
Target तय करें – चार्ट पैटर्न के आधार पर प्रॉफिट लेवल सेट करें
रिस्क-रिवॉर्ड देखें – कम से कम 1:2 या 1:3 होना चाहिए
ChalakInvestor की सलाह:
Breakout और Breakdown ट्रेंड की शुरुआत के संकेत होते हैं। अगर इन्हें सही तरीके से पहचाना जाए, तो आप बड़ी चाल में एंट्री ले सकते हैं।
लेकिन सावधानी ज़रूरी है – फॉल्स सिग्नल्स से बचने के लिए Volume, Confirmation और Stop Loss का प्रयोग ज़रूर करें।
प्रैक्टिस के साथ आपकी नज़र इन ब्रेकआउट्स को पहले से पकड़ना सीख जाएगी।