Capital Allocation क्या है?
Capital Allocation का मतलब है – अपने पैसे को अलग-अलग जगहों पर सही ढंग से बाँटना। यह निवेश या ट्रेडिंग में सबसे जरूरी रणनीति होती है। जब आप पूंजी को सोच-समझकर बाँटते हैं, तो जोखिम कम होता है और मुनाफा बढ़ने की संभावना रहती है।
यह क्यों ज़रूरी है?
सबसे पहले, सही पूंजी आवंटन आपको नुकसान से बचाता है। अगर आप सारा पैसा एक ही जगह लगाते हैं और नुकसान हो जाए, तो पूरा निवेश खत्म हो सकता है। वहीं, जब आप अपने पैसों को विभिन्न क्षेत्रों में लगाते हैं, तो जोखिम बंट जाता है। इसलिए सही Capital Allocation निवेश को संतुलित बनाता है।
Capital Allocation कैसे करें?
1. लक्ष्य स्पष्ट करें
क्या आप लॉन्ग टर्म निवेश कर रहे हैं या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग? यह जानना जरूरी है। लक्ष्य के अनुसार Allocation की योजना बनाएं।
2. जोखिम सहने की क्षमता जानें
हर व्यक्ति की Risk Capacity अलग होती है। अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो कम जोखिम लें और सुरक्षित निवेश चुनें।
3. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करें
सिर्फ एक एसेट क्लास पर निर्भर न रहें। शेयर, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट और कैश – सभी में कुछ हिस्सा लगाएं।
4. ट्रेडिंग में सीमित पूंजी लगाएं
ट्रेडिंग करते समय कुल पूंजी का 1-2% ही एक ट्रेड में लगाएं। साथ ही स्टॉप लॉस और टारगेट पहले तय करें।
5. इमरजेंसी फंड बनाएं
कुछ कैश या लिक्विड फंड अलग रखें। इससे ज़रूरत के वक्त परेशानी नहीं होगी।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए आपके पास ₹1,00,000 हैं:
₹30,000 शेयरों में
₹20,000 म्यूचुअल फंड
₹20,000 गोल्ड
₹20,000 FD
₹10,000 कैश
यह एक बैलेंस्ड Capital Allocation है, जिससे जोखिम भी कम होता है और ग्रोथ भी बनी रहती है।
Chalakinvestor की सलाह
बिना योजना के निवेश करना खतरनाक होता है। इसलिए Capital Allocation हमेशा सोच-समझकर करें। जब आप पूंजी को सही जगह लगाते हैं, तब ही आप सही रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।