शेयर बाजार में ऑर्डर कैसे काम करते हैं?
जब आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो केवल शेयर चुनना ही काफी नहीं होता।
यह भी तय करना होता है कि कैसे और किस कीमत पर आप शेयर खरीदेंगे या बेचेंगे।
यही काम करते हैं अलग-अलग Order Types.
तीन मुख्य ऑर्डर टाइप्स होते हैं:
मार्केट ऑर्डर
लिमिट ऑर्डर
स्टॉप लॉस ऑर्डर
इनका सही उपयोग आपके फायदे को बढ़ा सकता है और नुकसान को कम कर सकता है।
1. मार्केट ऑर्डर (Market Order)
मार्केट ऑर्डर में आप शेयर को तुरंत खरीदते या बेचते हैं।
यह बाजार में उपलब्ध सबसे नज़दीकी कीमत पर पूरा हो जाता है।
उदाहरण:
अगर किसी शेयर की कीमत ₹100 है और आपने मार्केट ऑर्डर लगाया, तो शेयर तुरंत ₹100 या उसके करीब खरीदा जाएगा।
कब इस्तेमाल करें?
जब आपको जल्दी से एंट्री या एग्ज़िट लेनी हो।
2. लिमिट ऑर्डर (Limit Order)
लिमिट ऑर्डर में आप तय करते हैं कि आपको किस दाम पर शेयर चाहिए।
जब शेयर उस कीमत तक आएगा, तभी ऑर्डर पूरा होगा।
उदाहरण:
अगर आप ₹95 पर शेयर खरीदना चाहते हैं, लेकिन अभी वो ₹100 का है, तो आप लिमिट ऑर्डर ₹95 पर लगाते हैं।
जब मार्केट ₹95 तक आएगा, तब ही ऑर्डर लगेगा।
फायदे:
सटीक कीमत पर ट्रेड
जल्दीबाज़ी से बचाव
3. स्टॉप लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order)
यह एक रक्षा कवच जैसा है।
आप इसमें तय कर सकते हैं कि अगर शेयर की कीमत एक सीमा से नीचे जाए, तो वह ऑटोमैटिक बिक जाए।
उदाहरण:
आपने ₹100 में शेयर खरीदा और ₹95 पर स्टॉप लॉस लगाया।
अगर कीमत ₹95 तक गिरती है, तो शेयर अपने आप बिक जाएगा और आप बड़े नुकसान से बचेंगे।
कब जरूरी है?
जब बाजार अनिश्चित हो या आप रिस्क कंट्रोल करना चाहते हों।
निष्कर्ष: समझदार निवेशक की पहली पहचान
ऑर्डर टाइप का सही चुनाव ही आपको बाजार में टिकने की ताकत देता है।
मार्केट ऑर्डर: तेज़ एक्शन के लिए
लिमिट ऑर्डर: सटीकता के लिए
स्टॉप लॉस ऑर्डर: सुरक्षा के लिए
अगर आप चालाक निवेशक बनना चाहते हैं, तो सिर्फ स्टॉक्स नहीं, ऑर्डर टाइप्स की समझ भी ज़रूरी है।