अमेरिका की मशहूर इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने आखिरकार भारतीय बाजार में एंट्री ले ली है। मुंबई के BKC स्थित मेकर मैक्सिटी मॉल में टेस्ला का पहला एक्सपीरियंस सेंटर लॉन्च हुआ। उद्घाटन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “टेस्ला के आने से भारत की इंटरनेशनल छवि बेहतर हुई है।”
कंपनी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक SUV Model Y को भारत में लॉन्च किया है। इसकी शुरुआती कीमत ₹59.89 लाख (एक्स-शोरूम) रखी गई है। यह दो वेरिएंट्स में उपलब्ध है:
- Model Y RWD – ₹59.89 लाख
- Model Y Long Range RWD – ₹67.89 लाख
Model Y की खास बातें:
- सबसे पहले, इसमें 622 किमी तक की बैटरी रेंज मिलती है (एक बार फुल चार्ज पर)।
- इसके बाद, यह 15 मिनट में फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट देता है।
- फिर, सेफ्टी के लिए इसमें 8 एयरबैग्स और लेवल-2 ADAS जैसे फीचर्स हैं।
- अंत में, यह फिलहाल मुंबई में उपलब्ध है, जल्द ही दिल्ली और गुरुग्राम में भी डीलरशिप खुलेंगी।
टेस्ला की एंट्री से किसको नुकसान हो सकता है?
भारत का EV मार्केट पहले से ही प्रतिस्पर्धी है। मौजूदा बाजार हिस्सेदारी पर नज़र डालें:
- Tata Motors: 38%
- JSW MG Motors: 31%
- Mahindra & Mahindra: 23%
- Hyundai: 3%
इन कंपनियों के लिए टेस्ला की एंट्री एक नई चुनौती पेश कर सकती है। हालांकि, टेस्ला अभी भारत में मैन्युफैक्चरिंग नहीं शुरू कर रही है।
टेस्ला के भारत में आने से किसे होगा फायदा?
टेस्ला की एंट्री से कई ऑटो एंसिलरी कंपनियों को बड़ा लाभ मिल सकता है:
- Samvardhana Motherson: रियर व्यू मिरर सप्लाई करती है।
- SONA BLW: गियर और असेंबली सप्लाई करती है।
- Bosch India: ब्रेकिंग पार्ट्स, सेंसर्स और चार्जिंग यूनिट प्रदान करती है।
- SKF India: बेयरिंग्स सप्लाई करती है।
- Suprajit Engineering: EV कंपनियों को केबल्स सप्लाई करती है।
Smart Advice by ChalakInvestor:
क्या टेस्ला का भारत आना रणनीति थी या मजबूरी?
टेस्ला की ग्लोबल बिक्री में गिरावट आ रही है। उसे चीन की EV कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है, और यहां EV सेक्टर में 2030 तक सालाना 22–25% की ग्रोथ की उम्मीद है। इससे यह बाजार टेस्ला के लिए एक बड़ा अवसर बनकर उभरा है।