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निफ्टी 50 और सेंसेक्स कैसे बनते हैं?

निफ्टी 50 और सेंसेक्स कैसे बनते हैं?

अगर आप टीवी पर कभी सुनें – सेंसेक्स 300 अंक चढ़ा” या  निफ्टी 100 अंक गिरा”, तो आपके मन में सवाल आ सकता है कि ये आखिर होते क्या हैं? और इनका बढ़ना-घटना किस पर टिका होता है? निफ्टी सेंसेक्स कैसे बनते, यही समझना सबसे ज़रूरी है। असल में, ये देश की बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन पर आधारित होते हैं। निफ्टी और सेंसेक्स का निर्माण कैसे होता है, यह जानना आपके शेयर बाजार की समझ को और मजबूत बनाता है। चलिए इसे बहुत ही आसान भाषा में समझते हैं।

पहले समझें – इंडेक्स क्या होता है?

  • शेयर बाजार में हजारों कंपनियों के शेयर होते हैं।
  • अब अगर हमें पूरे बाजार की चाल जाननी हो, तो सबके शेयर नहीं देख सकते।
  • इसलिए, कुछ चुनिंदा कंपनियों को लेकर एक इंडेक्स बनाया जाता है।
  • ये इंडेक्स हमें बताता है कि बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे।

जैसे –
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स: निफ्टी 50
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स: सेंसेक्स

निफ्टी 50 कैसे बनता है?

Nifty 50 में उन 50 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर होते हैं जो NSE में लिस्टेड हैं।
ये कंपनियां विभिन्न सेक्टर से होती हैं – जैसे कि बैंक, आईटी, फार्मा, ऊर्जा आदि।

इन कंपनियों का चयन (selection) कैसे होता है?

  • जिन कंपनियों का मार्केट कैपिटल अधिक होता है
  •  जिनके शेयरों में दैनिक अच्छा ट्रेडिंग वॉल्यूम होता है
  •  जो कंपनी नियमित काम कर रही हो और आर्थिक रूप से मजबूत हो
  • हर 6 महीने में NSE यह जांचता है कि कौनसी कंपनियां फिट बैठ रही हैं।

If a company weakens, it is removed and a new company is added.

सेंसेक्स कैसे बनता है?

  • Sensex में 30 बड़ी कंपनियां शामिल होती हैं जो BSE में लिस्टेड हैं।
  • इनका  selection भी उसी तरह होता है जैसे निफ्टी के लिए होता है।
  • इन कंपनियों के कामकाज को देखकर BSE यह तय करता है कि सेंसेक्स ऊपर जाएगा या नीचे।
  • यदि इन कंपनियों के शेयर बढ़ते हैं, तो सेंसेक्स भी बढ़ जाता है।
  • यदि शेयर गिरते हैं, तो सेंसेक्स भी नीचे आता है।

इंडेक्स कैसे चलता है?

  • इंडेक्स यानी निफ्टी और सेंसेक्स को कंपनियों के शेयर की कीमत और वजन (weightage) के साथ जोड़ा जाता है।
  • जिस कंपनी का मार्केट वैल्यू ज्यादा होता है, उसका असर इंडेक्स पर भी ज्यादा होता है।

उदाहरण:-
यदि रिलायंस या TCS के शेयर में बदलाव होता है, तो निफ्टी और सेंसेक्स में भी बड़ा बदलाव आता है।

निष्कर्ष( conclusion )

तो अब आप समझ गए होंगे कि

  • फ्टी 50 और सेंसेक्स कुछ चुनिंदा बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन पर आधारित बनते हैं।
  •  ये इंडेक्स हमें ये सूचित करते हैं कि शेयर बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे।
  •  इन कंपनियों की जाँच हर 6 महीने में की जाती है, और परिवर्तन किए जाते हैं।

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