Position Sizing कैसे करें यह जानना हर ट्रेडर और निवेशक के लिए बहुत ज़रूरी है। सही पोज़ीशन साइजिंग आपके पूंजी को सुरक्षित रखती है और ट्रेडिंग में स्थिर मुनाफा दिलाने में मदद करती है। अगर आप बिना सोचे-समझे किसी भी ट्रेड में अधिक पैसा लगाते हैं, तो नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सही Position Sizing सीखना एक सफल ट्रेडर बनने का पहला कदम है।
Position Sizing क्या होती है?
पोजीशन सिज़िंग का मतलब होता है किसी ट्रेड में कितनी राशि लगानी चाहिए, इसका निर्णय लेना।
यह ट्रेडिंग का सबसे अहम हिस्सा है क्योंकि इससे यह तय होता है कि आप किसी एक ट्रेड में कितना जोखिम उठा सकते हैं।
सीधे शब्दों में, Position Sizing का मकसद है – “हर ट्रेड में सही मात्रा में निवेश कर के अपने पैसे को सुरक्षित रखना।”
Position Sizing क्यों जरूरी है?
पोजीशन सिज़िंग जरूरी इसलिए है क्योंकि यह आपके जोखिम (Risk) को नियंत्रित करती है।
अगर आप हर ट्रेड में अपनी पूरी पूंजी लगा देते हैं, तो एक ही गलत फैसला आपको बड़ा नुकसान पहुँचा सकता है।
सही Position Sizing अपनाने से –
नुकसान सीमित रहता है।
पूंजी लंबे समय तक टिकती है।
ट्रेडिंग में अनुशासन आता है।
भावनात्मक निर्णयों से बचाव होता है।
लगातार मुनाफा कमाने की संभावना बढ़ती है।
Position Sizing कैसे करें?
1. Risk Percentage तय करें
सबसे पहले तय करें कि हर ट्रेड में अपनी कुल पूंजी का कितना प्रतिशत जोखिम लेना है।
अक्सर ट्रेडर 1% से 2% तक का जोखिम लेते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपके पास ₹1,00,000 हैं और आप 2% जोखिम लेना चाहते हैं, तो किसी भी ट्रेड में ₹2,000 से ज़्यादा जोखिम न लें।
2. Stop Loss लगाएँ
हर ट्रेड के लिए Stop Loss पहले से तय करें। इससे आपको यह पता रहेगा कि नुकसान की अधिकतम सीमा क्या है।
Stop Loss लगाने से आपका जोखिम नियंत्रण में रहता है।
3. Market Volatility को ध्यान में रखें
अगर बाजार बहुत volatile है, तो छोटी पोज़ीशन लें।
जब बाजार स्थिर हो, तो थोड़ी बड़ी पोज़ीशन ले सकते हैं।
4. Fixed Amount Method अपनाएँ
शुरुआती ट्रेडर्स के लिए यह तरीका सबसे आसान है।
इसमें हर ट्रेड में एक तय रकम लगाई जाती है, जैसे ₹5,000 या ₹10,000, ताकि निवेश में अनुशासन बना रहे।
Position Sizing के फायदे
बड़े नुकसान से बचाव होता है।
पूंजी सुरक्षित रहती है।
भावनाओं पर नियंत्रण रहता है।
Risk management आसान बनता है।
Consistent profit पाने की संभावना बढ़ती है।
Position Sizing करते समय आम गलतियाँ
बिना योजना के पूरी पूंजी लगा देना।
Stop Loss का उपयोग न करना।
हर ट्रेड में अलग-अलग राशि लगाना।
नुकसान की भरपाई के लिए जल्दबाज़ी में बड़ा ट्रेड करना।
Chalakinvestor की सलाह
Position Sizing को कभी हल्के में न लें।
यह सिर्फ एक गणना नहीं, बल्कि ट्रेडिंग में सफलता की कुंजी है।
हमेशा अपनी पूंजी का छोटा हिस्सा ही जोखिम में लगाएँ और बाजार की स्थिति को समझकर ही निर्णय लें।
याद रखें — सफल ट्रेडर वही होता है जो पहले अपने जोखिम को संभालता है, फिर मुनाफा कमाता है।
FAQs
Q1. Position Sizing क्या होती है?
यह तय करने की प्रक्रिया है कि किसी ट्रेड में कितनी राशि लगाई जाए ताकि जोखिम सीमित रहे।
Q2. Position Sizing क्यों जरूरी है?
यह पूंजी को सुरक्षित रखती है और नुकसान को नियंत्रित करती है।
Q3. Position Sizing कैसे करें?
Risk percentage तय करें, Stop Loss लगाएँ, और अपनी पूंजी के अनुसार position size तय करें।
Q4. क्या शुरुआती ट्रेडर्स के लिए आसान तरीका है?
हाँ, Fixed Amount Method शुरुआती ट्रेडर्स के लिए आसान और सुरक्षित तरीका है।
निष्कर्ष (Conclusion)
सही Position Sizing करना हर ट्रेडर के लिए आवश्यक है।
यह आपकी पूंजी की सुरक्षा, जोखिम नियंत्रण और स्थिर मुनाफे के लिए सबसे अहम कदम है।
अगर आप Position Sizing को समझकर अपने ट्रेडिंग सिस्टम में शामिल करते हैं, तो आपकी सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।




















