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Payables Turnover का परिचय

Payables Turnover क्या होता है? पूरी जानकारी आसान भाषा में

व्यापार और वित्तीय दुनिया में किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए कई तरह के financial ratios का उपयोग किया जाता है। इन्हीं ratios में से एक है Payables Turnover, जो बताता है कि कोई कंपनी अपने सप्लायर्स या creditors को कितनी जल्दी भुगतान करती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि Payables Turnover क्या होता है, तो यह लेख आपके लिए है।


परिभाषा Payables Turnover की 

Payables Turnover Ratio एक ऐसा वित्तीय अनुपात (financial ratio) है जो यह दर्शाता है कि किसी कंपनी ने एक निश्चित समय में अपने suppliers को कितनी बार भुगतान किया है।
सरल शब्दों में, यह बताता है कि कंपनी अपने creditors को कितनी तेजी से पैसे लौटाती है।


Payables Turnover Ratio कैसे निकालते हैं? (Formula)

Payables Turnover Ratio को निकालने का फ़ॉर्मूला होता है –

Payables Turnover Ratio = Total Purchases / Average Accounts Payable

जहाँ:

  • Total Purchases: कंपनी ने एक वित्तीय वर्ष में जितनी खरीदारी की है।

  • Average Accounts Payable: साल की शुरुआत और अंत में बकाया राशि (Accounts Payable) का औसत।


Payables Turnover Ratio का उदाहरण (Example)

मान लीजिए किसी कंपनी ने सालभर में ₹10,00,000 की खरीदारी की और उसका average accounts payable ₹2,00,000 है।

तो,
Payables Turnover Ratio = 10,00,000 / 2,00,000 = 5

इसका मतलब है कि कंपनी साल में 5 बार अपने creditors को भुगतान करती है।


Payables Turnover Ratio से क्या पता चलता है? (Meaning)

  • अगर ratio ज्यादा है, तो इसका मतलब है कंपनी अपने suppliers को जल्दी भुगतान करती है।

  • अगर ratio कम है, तो इसका मतलब है कंपनी भुगतान करने में देर करती है या उसका cash flow कमजोर है।


महत्व Payables Turnover Ratio का 

  1. Liquidity जानने में मदद करता है: यह बताता है कि कंपनी के पास पर्याप्त नकदी है या नहीं।

  2. Creditworthiness का संकेत: Supplier के लिए यह जानना जरूरी होता है कि कंपनी समय पर भुगतान करती है या नहीं।

  3. Cash Flow Management: कंपनी के कैश फ्लो को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।

  4. Financial Planning: इससे कंपनी अपने भुगतान चक्र (payment cycle) की योजना बना सकती है।


फायदे Payables Turnover Ratio के 

  • कंपनी की payment efficiency को मापता है।

  • Suppliers के साथ विश्वास बढ़ाता है

  • Financial management में transparency लाता है।

  • समय पर भुगतान करने से कंपनी की market reputation मजबूत होती है।


Payables Turnover Ratio की सीमाएँ (Limitations)

  • यह केवल संख्यात्मक डेटा पर निर्भर करता है, इसलिए qualitative factors (जैसे relationship या credit terms) को नहीं दिखाता।

  • कुछ कंपनियाँ खरीदारी की बजाय नकद भुगतान करती हैं, जिससे ratio गलत दिख सकता है।

  • यह seasonal businesses में हमेशा सटीक परिणाम नहीं देता।


Payables Turnover Ratio कैसे सुधारें? (How to Improve)

  • Cash flow को बेहतर बनाए रखें।

  • Inventory management को optimize करें।

  • Purchase और payment process में automation लाएँ।

  • Credit terms को सही तरीके से negotiate करें।


निष्कर्ष (Conclusion)

संक्षेप में, Payables Turnover क्या होता है, किसी कंपनी की payment efficiency और liquidity position समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
यदि किसी कंपनी का ratio ज्यादा है, तो वह अपने suppliers को समय पर भुगतान कर रही है, जो उसकी वित्तीय मजबूती को दर्शाता है।
इसलिए निवेशक और व्यवसायिक विश्लेषक, दोनों ही इस ratio को ध्यान में रखकर कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन करते हैं।

ये भी पढ़ें:
SWOT Analysis क्या है? पूरी जानकारी आसान भाषा में

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