Stock market और financial world में अक्सर एक term सुनने को मिलता है – Derivatives।
बहुत से नए investors के मन में सवाल होता है कि Derivatives क्या होते हैं और इनका use कहाँ किया जाता है।
Derivatives ऐसे financial instruments होते हैं जिनकी value खुद की नहीं होती बल्कि यह हमेशा किसी और asset (जैसे शेयर, index, currency, gold या commodity) की कीमत पर depend करती है।
Derivatives की परिभाषा
डेरिवेटिव्स एक ऐसा financial contract है जिसकी कीमत (value) किसी underlying asset जैसे शेयर, बॉन्ड, सोना, चाँदी, गेहूँ, currency या stock index पर आधारित होती है।
आसान भाषा में कहें तो यह future की कीमत का एक समझौता होता है।
Derivatives के प्रकार (Types of Derivatives)
Forward Contracts
यह दो parties के बीच निजी समझौता होता है।
Future में किसी तय तारीख पर एक तय कीमत पर खरीदी-बिक्री होती है।
Example: किसान और व्यापारी गेहूँ की कीमत पहले से तय कर लेते हैं।
Futures Contracts
यह standardized contracts होते हैं जो exchange पर trade किए जाते हैं।
Buyer और seller दोनों future date पर एक तय कीमत पर खरीद-बिक्री करने के लिए बाध्य होते हैं।
Options Contracts
यह buyer को अधिकार (right) देता है, लेकिन मजबूरी (obligation) नहीं।
दो प्रकार होते हैं:
Call Option: खरीदने का अधिकार
Put Option: बेचने का अधिकार
Swaps
इसमें दो parties अपने cash flows आपस में exchange करते हैं।
Example: Interest rate swaps, Currency swaps।
Derivatives के उपयोग (Uses of Derivatives)
Hedging
Risk कम करने के लिए derivatives का इस्तेमाल किया जाता है।
Example: किसान फसल की कीमत गिरने से बचने के लिए forward contract करता है।
Speculation
Investor future prices पर दांव लगाकर profit कमाने की कोशिश करते हैं।
Arbitrage
अलग-अलग बाजारों में price difference से फायदा उठाना।
Portfolio Diversification
Derivatives से investors अपने investments में variety ला सकते हैं।
फायदे Derivatives के
Risk management आसान हो जाता है।
कम पूंजी में बड़ा exposure मिलता है।
Market में liquidity बढ़ती है।
Price discovery में मदद मिलती है।
Hedging और profit दोनों का मौका मिलता है।
Derivatives के नुकसान (Disadvantages)
बहुत risky होते हैं।
गलत speculation से भारी नुकसान हो सकता है।
Complex instruments हैं, हर investor के लिए आसान नहीं।
Market volatility बढ़ा सकते हैं।
Leverage ज़्यादा होने से risk भी बढ़ता है।
Example (आसान भाषा में समझें)
मान लीजिए, एक किसान को डर है कि 3 महीने बाद गेहूँ के दाम गिर सकते हैं।
वह एक व्यापारी से contract कर लेता है कि वह अपनी फसल ₹20 प्रति किलो पर बेचेगा।
अगर future में गेहूँ का दाम ₹18 प्रति किलो हो गया तो भी किसान को ₹20 मिलेगा।
यह Derivative का फायदा है।
लेकिन अगर गेहूँ का दाम ₹25 हो गया, तो किसान को नुकसान होगा क्योंकि उसने पहले ही सस्ता contract कर लिया था।
ChalakInvestor की सलाह
Derivatives market बहुत बड़ा और risky है। अगर आप beginner हैं, तो बिना पूरी knowledge के इसमें पैसा न लगाएँ।
पहले shares और mutual funds जैसे basic investments को समझें।
Derivatives में तभी entry करें जब आपको risk, margin, और leverage की पूरी समझ हो।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. Derivatives क्या होते हैं?
Ans: Derivatives ऐसे financial contracts हैं जिनकी value किसी underlying asset जैसे शेयर, commodity या currency पर depend करती है।
Q2. Derivatives और Shares में क्या फर्क है?
Ans: Shares किसी company की ownership दर्शाते हैं, जबकि derivatives सिर्फ contracts होते हैं जिनकी कीमत underlying assets से जुड़ी होती है।
Q3. Derivatives risky क्यों माने जाते हैं?
Ans: क्योंकि इनमें leverage होता है और future prices की गलत prediction भारी नुकसान करा सकती है।
Q4. क्या beginner को derivatives में invest करना चाहिए?
Ans: नहीं, beginners को पहले simple investments से शुरुआत करनी चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
संक्षेप में, Derivatives क्या होते हैं यह समझना हर investor के लिए ज़रूरी है। यह ऐसे financial contracts हैं जो हमेशा किसी और asset की कीमत पर आधारित रहते हैं। Derivatives का इस्तेमाल risk management (hedging), speculation और arbitrage के लिए किया जाता है। लेकिन यह high-risk instruments हैं, इसलिए बिना knowledge और समझ के इनमें invest करना खतरनाक हो सकता है।