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Donald Trump announcing Trump Semiconductor Tariff at White House dinner

Trump Semiconductor Tariff: चिप आयात पर भारी शुल्क, Apple को मिलेगी छूट

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान किया है। वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में आयोजित एक डिनर के दौरान, जिसमें Apple के सीईओ टिम कुक समेत दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियों के प्रमुख मौजूद थे, ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही Trump Semiconductor Tariff नीति के तहत सेमीकंडक्टर और चिप्स के आयात पर भारी टैरिफ लगाने वाली है।


Trump Semiconductor Tariff में Apple को मिली बड़ी राहत

ट्रंप ने साफ कहा कि Apple जैसी कंपनियां, जो अमेरिका में निर्माण और निवेश को बढ़ावा दे रही हैं, उन्हें इस नए टैरिफ से छूट दी जाएगी।
उन्होंने टिम कुक का जिक्र करते हुए कहा:

“टिम कुक अच्छी स्थिति में हैं, क्योंकि उनकी कंपनी ने अमेरिका में बड़े निवेश की प्रतिबद्धता दिखाई है।”


निवेश आधारित छूट की नीति

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन कंपनियों ने अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की है या करने की योजना बना रही हैं, उन्हें टैरिफ से राहत मिलेगी।
इसके विपरीत, जो कंपनियां अमेरिकी निवेश से दूरी बनाए हुए हैं, उन्हें भारी शुल्क चुकाना होगा।


100% से 300% तक बढ़ सकता है टैरिफ

पिछले महीने ट्रंप ने संकेत दिया था कि सेमीकंडक्टर आयात पर 100% टैरिफ लगाया जा सकता है। लेकिन अब उन्होंने यह भी कहा है कि यह दर 200% से 300% तक भी बढ़ सकती है।
इसका उद्देश्य है कि विदेशी सप्लाई चेन पर निर्भरता कम की जाए और अमेरिका में चिप उत्पादन को मजबूती दी जाए।

Apple ने पहले ही इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 600 अरब डॉलर की घरेलू निर्माण योजना की घोषणा की है, जिसके चलते उसे इस टैरिफ से छूट मिलेगी।


Trump Semiconductor Tariff का वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर असर

यह फैसला वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

  • चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देश, जो चिप निर्माण में अग्रणी हैं, उन्हें अमेरिका के इस फैसले से बड़ा झटका लग सकता है।

  • अमेरिकी कंपनियां जैसे Intel, Qualcomm और Micron को फायदा हो सकता है क्योंकि विदेशी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा घटेगी।

  • हालांकि, इस कदम से अमेरिका और एशियाई देशों के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ सकता है।


ChalakInvestor की सलाह

  • अल्पकालिक प्रभाव: टेक स्टॉक्स में अस्थिरता बढ़ सकती है, खासकर उन कंपनियों में जिनकी सप्लाई चेन एशियाई देशों पर निर्भर है।

  • दीर्घकालिक प्रभाव: अमेरिका में निवेश बढ़ने से घरेलू कंपनियों को फायदा होगा।

  • भारतीय निवेशकों के लिए: भारत सरकार भी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पर ज़ोर दे रही है। ऐसे में भारतीय चिप और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों में निवेश लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे सकता है।


FAQs on Trump Semiconductor Tariff

Q1. What is the Trump Semiconductor Tariff?
यह एक प्रस्तावित नीति है जिसके तहत अमेरिका विदेशी सेमीकंडक्टर और चिप आयात पर 100% से 300% तक टैरिफ लगा सकता है।

Q2. Will Apple be affected?
नहीं, Apple को छूट मिलेगी क्योंकि उसने अमेरिका में 600 अरब डॉलर के घरेलू निवेश की घोषणा की है।

Q3. Which companies will suffer the most?
चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया की चिप निर्माता कंपनियां, जिनकी अमेरिकी बाजार पर निर्भरता है।

Q4. How will this affect global supply chains?
सप्लाई चेन महंगी और जटिल हो सकती है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों पर असर पड़ेगा।

Q5. Is there any benefit for Indian companies?
हाँ, भारत अपने Make in India Semiconductor Mission को तेज़ कर सकता है और इस स्थिति का लाभ उठाकर अमेरिका व अन्य देशों को सप्लाई कर सकता है।


Disclaimer

यह लेख सिर्फ Educational Purpose के लिए है। निवेश करने से पहले अपने Financial Advisor से ज़रूर सलाह लें।

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