ग्लोबल विंड एनर्जी सेक्टर पर अमेरिकी सरकार के एक फैसले का बड़ा असर देखने को मिला है। डेनमार्क की सबसे बड़ी विंड एनर्जी कंपनी Orsted के शेयर सोमवार को 17% टूट गए। इसके बाद भारत की दिग्गज कंपनी Suzlon Energy पर भी दबाव देखने को मिला। Suzlon Energy Latest Update यही है कि कंपनी के शेयर बीएसई पर मामूली गिरावट के साथ ₹56.79 पर बंद हुए। इंट्रा-डे में यह और गिरकर ₹55.91 तक चला गया था। लगातार तीन कारोबारी सत्रों में Suzlon के शेयर लगभग 4.5% टूट चुके हैं।
Orsted को क्यों लगा बड़ा झटका?
डेनमार्क की कंपनी Orsted अमेरिका में चल रहे Revolution Wind Project पर काम कर रही थी। यह प्रोजेक्ट लगभग 80% पूरा हो चुका था।
65 में से 45 टर्बाइन इंस्टॉल हो चुके थे।
704 मेगावाट की क्षमता से 3.5 लाख घरों को बिजली मिलनी थी।
प्रोजेक्ट पूरी तरह निजी निवेश से चल रहा था।
लेकिन अमेरिकी Bureau of Ocean Energy Management ने अचानक इस प्रोजेक्ट को रोकने का आदेश दे दिया। इसके बाद Orsted के शेयर 17% गिर गए।
वित्तीय स्थिति पर असर
Orsted ने हाल ही में लगभग 6,000 करोड़ डेनिश क्रोनर ($940 मिलियन) जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाने की योजना बनाई थी। लेकिन प्रोजेक्ट पर रोक लगने से कंपनी पर दबाव और बढ़ गया है।
अगर यह प्रोजेक्ट लंबे समय तक रुका रहा तो कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट कैंसिलेशन की भारी लागत झेलनी पड़ सकती है। यही कारण है कि ग्लोबल निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ।
Suzlon Energy Latest Update: शेयर क्यों गिरे?
भारत में Suzlon Energy का कारोबार सीधे Orsted से जुड़ा नहीं है। लेकिन ग्लोबल मार्केट हमेशा एक-दूसरे से प्रभावित होते हैं।
सोमवार को बीएसई पर Suzlon Energy का शेयर 0.26% गिरकर ₹56.79 पर बंद हुआ।
इंट्रा-डे में यह 1.81% गिरकर ₹55.91 तक चला गया।
तीन कारोबारी सत्रों में लगभग 4.5% की गिरावट आई।
निवेशक यह मान रहे हैं कि अगर विंड एनर्जी सेक्टर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव रहेगा तो भारतीय कंपनियां भी प्रभावित होंगी।
Suzlon Energy और Orsted का कनेक्शन क्या है?
सीधा संबंध नहीं है। Orsted की समस्या अमेरिकी पॉलिसी और प्रोजेक्ट डिले से जुड़ी है। Suzlon Energy का कारोबार भारत पर आधारित है।
फिर भी ग्लोबल सेंटिमेंट का असर पड़ता है।
Orsted की गिरावट ने यह संदेश दिया कि विंड एनर्जी प्रोजेक्ट रिस्क में हैं।
Suzlon जैसे भारतीय शेयरों में भी निवेशकों ने सावधानी बरतना शुरू कर दिया।
यही कारण है कि Suzlon Energy Latest Update में शेयर प्राइस गिरावट के साथ सामने आया।
Suzlon Energy के लिए पॉजिटिव पहलू
शॉर्ट टर्म में दबाव के बावजूद लॉन्ग टर्म के लिए Suzlon Energy मजबूत स्थिति में है।
1. सरकारी समर्थन
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य रखा है। इसमें विंड एनर्जी का बड़ा योगदान होगा।
2. PLI स्कीम का लाभ
ग्रीन एनर्जी सेक्टर में PLI स्कीम लागू की गई है। Suzlon Energy जैसी कंपनियां इससे फायदा उठा रही हैं।
3. मजबूत ऑर्डर बुक
Suzlon Energy के पास कई बड़े ऑर्डर हैं। यह भविष्य की ग्रोथ को सपोर्ट करता है।
4. घरेलू मांग
भारत में बिजली की खपत तेजी से बढ़ रही है। क्लीन एनर्जी पर जोर और सरकारी नीतियां Suzlon के बिजनेस को और मजबूत बना रही हैं।
Suzlon Energy Latest Update: निवेशकों के लिए सीख
शॉर्ट टर्म में Suzlon Energy के शेयर ग्लोबल खबरों से प्रभावित हो सकते हैं।
लेकिन लॉन्ग टर्म में कंपनी के फंडामेंटल और भारत सरकार की नीतियां इसे सपोर्ट करेंगी।
ग्रीन एनर्जी सेक्टर की तेजी से बढ़ती डिमांड Suzlon के लिए बड़ी ताकत है।
FAQ: Suzlon Energy Latest Update
Q1: Suzlon Energy Latest Update क्या है?
Ans: Suzlon Energy के शेयर हाल ही में 0.26% गिरकर ₹56.79 पर बंद हुए। लगातार तीन दिनों में 4.5% तक की गिरावट आई है।
Q2: Suzlon Energy के शेयर क्यों गिरे?
Ans: अमेरिकी सरकार ने Revolution Wind Project रोक दिया। इसका असर Orsted पर पड़ा और ग्लोबल सेंटिमेंट से Suzlon पर भी दबाव आया।
Q3: क्या Suzlon Energy और Orsted जुड़े हैं?
Ans: नहीं। Suzlon भारत पर निर्भर है जबकि Orsted की समस्या अमेरिका से जुड़ी है।
Q4: Suzlon Energy में लॉन्ग टर्म निवेश सही है?
Ans: हाँ। भारत सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही है और Suzlon की ऑर्डर बुक मजबूत है।
ChalakInvestor की सलाह
अगर आप Suzlon Energy Latest Update को देखकर चिंतित हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है।
शॉर्ट टर्म निवेशकों को वोलैटिलिटी के लिए तैयार रहना चाहिए।
लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए Suzlon Energy अभी भी आकर्षक विकल्प है।
भारत सरकार की नीतियां और घरेलू मांग इसे भविष्य में मजबूती देंगी।