प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम और दिल्ली में चल रहे Call Centre Scam का बड़ा भंडाफोड़ किया है। ईडी की टीम ने 7 जगहों पर छापेमारी की और करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
क्या हुआ था?
ये कॉल सेंटर नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 तक चल रहे थे।
इनका काम था – अमेरिका के नागरिकों को फोन करना और उन्हें टेक्निकल सपोर्ट (Technical Support) के नाम पर ठगना।
इस दौरान करीब 125 करोड़ रुपये (15 मिलियन डॉलर) की ठगी की गई।
मुख्य आरोपी कौन हैं?
ईडी की जांच में तीन नाम सामने आए हैं:
अर्जुन गुलाटी
दिव्यांश गोयल
अभिनव कालरा
इन लोगों ने गुरुग्राम और नोएडा से कॉल सेंटर चलाए और सीधे अमेरिकी नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालकर विदेश भेज दिए।
ठगे गए पैसे कहाँ गए?
इन पैसों को वापस भारत लाया गया।
फिर उससे महंगी गाड़ियाँ, लग्जरी घड़ियाँ और प्रॉपर्टी खरीदी गई।
ईडी ने अब तक:
30 बैंक खाते फ्रीज किए
8 लग्जरी कारें जब्त कीं
और 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का पता लगाया है।
मामला कैसे खुला?
शुरुआत CBI की FIR से हुई।
FIR में कहा गया था कि कुछ लोग दिल्ली और आसपास ग़ैरकानूनी कॉल सेंटर चला रहे हैं।
इन कॉल सेंटरों से अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी धोखाधड़ी के जरिए लूटा जा रहा था।
अब आगे क्या होगा?
ईडी को शक है कि यह एक बड़ा साइबर फ्रॉड नेटवर्क है।
जांच में कई लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।
आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
आम जनता के लिए सबक
अनजान कॉल पर बैंक डिटेल्स या कंप्यूटर एक्सेस कभी न दें।
हमेशा आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर से ही टेक्निकल सपोर्ट लें।
ऐसे धोखाधड़ी के केस तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें।
ईडी की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि अब फर्जी कॉल सेंटर और साइबर ठगी करने वालों पर शिकंजा कस रहा है।