Ratios Debt Equity शेयर मार्केट और निवेश की दुनिया में कंपनी के प्रदर्शन को आंकने के लिए कई वित्तीय अनुपात (Financial Ratios) का इस्तेमाल किया जाता है। ये रेशियो निवेशकों को यह समझने में मदद करते हैं कि कंपनी का स्टॉक महंगा है या सस्ता, उसकी वित्तीय स्थिति कितनी मजबूत है और रिटर्न देने की क्षमता कितनी है। आइए जानते हैं P/E Ratio, P/B Ratio, Debt/Equity Ratio, ROE और ROCE के बारे में विस्तार से।
1. P/E Ratio (Price to Earnings Ratio)
क्या है: यह अनुपात बताता है कि निवेशक कंपनी की प्रति शेयर आय (EPS) के कितने गुना भुगतान कर रहे हैं।
फॉर्मूला:
P/E=SharePriceEarningsPerShareP/E = \frac{Share Price}{Earnings Per Share}
कैसे मदद करता है:
कम P/E मतलब स्टॉक सस्ता हो सकता है।
ज़्यादा P/E मतलब स्टॉक महंगा है या उसमें ग्रोथ की उम्मीद ज़्यादा है।
2. P/B Ratio (Price to Book Ratio)
क्या है: यह अनुपात कंपनी के मार्केट प्राइस और उसकी बुक वैल्यू के बीच तुलना करता है।
फॉर्मूला:
P/B=SharePriceBookValuePerShareP/B = \frac{Share Price}{Book Value Per Share}
कैसे मदद करता है:
P/B < 1 हो तो स्टॉक अंडरवैल्यूड हो सकता है।
ज़्यादा P/B का मतलब कंपनी की संपत्ति की तुलना में स्टॉक महंगा है।
3. Debt/Equity Ratio
क्या है: यह अनुपात कंपनी के कर्ज और मालिकाना पूंजी (Equity) की तुलना बताता है।
फॉर्मूला:
Debt/Equity=TotalDebtShareholder’sEquityDebt/Equity = \frac{Total Debt}{Shareholder’s Equity}
कैसे मदद करता है:
कम Ratio मतलब कंपनी पर कर्ज का बोझ कम है।
ज़्यादा Ratio मतलब वित्तीय जोखिम ज़्यादा है।
4. ROE (Return on Equity)
क्या है: यह अनुपात बताता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों की पूंजी पर कितना रिटर्न कमा रही है।
फॉर्मूला:
ROE=NetIncomeShareholder’sEquity×100ROE = \frac{Net Income}{Shareholder’s Equity} \times 100
कैसे मदद करता है:
ज़्यादा ROE मतलब कंपनी पूंजी का बेहतर उपयोग कर रही है।
5. ROCE (Return on Capital Employed)
क्या है: यह अनुपात कंपनी की कुल पूंजी (Equity + Debt) पर रिटर्न को मापता है।
फॉर्मूला:
ROCE=EBITCapitalEmployed×100ROCE = \frac{EBIT}{Capital Employed} \times 100
कैसे मदद करता है:
यह बताता है कि कंपनी सभी संसाधनों का कितना प्रभावी उपयोग कर रही है।।
ChalakInvestor की सलाह
निवेश से पहले हमेशा P/E, P/B, Debt/Equity, ROE और ROCE जैसे रेशियो को समझें और उनका विश्लेषण करें। इन आंकड़ों को कंपनी की ग्रोथ संभावनाओं, बिजनेस मॉडल और उद्योग की स्थिति के साथ मिलाकर देखें। याद रखें, आंकड़े दिशा दिखाते हैं, लेकिन सही रास्ता चुनने के लिए समझदारी जरूरी है।